‘द कश्मीर फाइल्स’ देखने के बाद मुख्यमंत्री ने दिया बड़ा बयान, कहा- “इसमें आधा सच ही दिखाया गया है“

रायपुर। मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने बीते बुधवार को ‘द कश्मीर फाइल्स’ फ़िल्म देखने पहुंचे। इस बीच फ़िल्म को राज्य में टैक्स फ्री करने की मांग पर सीएम बघेल ने कहा कि “इसमें आधा सच ही दिखाया गया है।“ फिल्म के मुख्य किरदार कृष्णा का हवाला देते हुए कहा कि कश्मीर में सिख, बौद्धिष्ठ और मुस्लिम भी मारे गए। मंदिर तोड़े गए तो मस्जिद भी तोड़े गए। फिल्म में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन को लेकर एक राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की गई है। बघेल ने कहा कि यदि भाजपा इस फिल्म के जरिये 2024 की तैयारी कर रही है तो यह उचित नहीं है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि फिल्म में दिखाई गई हिंसा का असर बच्चों के दिमाग पर पड़ेगा। फिल्म में लगातार हिंसा देख हमारा भी दिमाग बोझिल हो गया है। उन्होंने बताया कि फिल्म के डायरेक्टर ने भी फोन करके फिल्म को टैक्स फ्री करने का आग्रह किया है, लेकिन जब वे प्रधानमंत्री से मिले तो उन्हीं से क्यों नहीं देशभर में टैक्स फ्री करने की मांग कर लिए। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा वालों के सामने खड़े हो जाओ, तो भाग जाते हैं। न्योता देने के बाद भी भाजपा का कोई भी व्यक्ति फिल्म देखने नहीं आया।

कश्मीर में जो आतंकवादी घटनाएं हुई और उस पर बनाई गई फिल्म है इसमें एक परिवार की घटना है। जिसे लेकर फिल्म आगे बढ़ती है मगर आखरी में जो नायक है, वह चाहता है कि ना केवल हिंदुओं की, बल्कि बौद्ध, सिख और मुस्लिम की भी हत्या हुई। अगर इस पिक्चर में एक राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है कि जो कश्मीरी पंडित है, उनका विस्थापन हुआ। यह वह दौर है जो 1989-90 का जिसमें बी.पी.सिंह प्रधानमंत्री थे और भारतीय जनता पार्टी के नेता अटल अटल बिहारी वाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी का उस समय कश्मीरी पंडित को रोकने का प्रयास नहीं किया गया था। कश्मीरी पंडितों को जाने के लिए उन्होंने कहा, वहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। लेकिन वहां सेना तब भेजी गई जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी लोकसभा घेराव करते हैं।

और आज भी कश्मीरी पंडित की समस्या वही है। 370 हटा दिया गया लेकिन न उनको को बसाने का काम हो रहा है, ना अटल जी की सरकार 6 साल रही तब और अब मोदी जी की सरकार है। तब भी 370 हटाए कितने दिन हो गए। लेकिन किसी को बसाने की कोशिश नहीं की गई। इस फिल्म में भी उसका समाधान कुछ दिखाया नहीं गया। जो फिल्म फिल्म बनाते हैं किसी समस्या को दिखाते हैं, तो डायरेक्टर उसका समाधान भी बताते हैं। लेकिन उस डायरेक्टर ने समाधान नहीं बताया केवल एक लेक्चर दिया है और यह सरकार भी 370 हटा कर केवल राजनीति किए 370 जब हटा तब बोले कश्मीर में जमीन लेंगे। वहां हरियाणा के मंत्री जी ने कुछ और बयान दिया था जिसके बारे में मैं कहूंगा नहीं, लेकिन आज तक किसी की वापसी नहीं करवाई गई और कश्मीरी पंडितों को जो सहायता देनी चाहिए उसमें भी कोई वृद्धि नहीं की गई।

हम यह फिल्म देखने के बाद बता रहे हैं कि फिल्म आधी अधूरी है। पूरा सच नहीं बताया गया है। और उसका समाधान में कुछ नहीं है। ऐसी फिल्म जिसमें समाधान नहीं है, उसी दिशा में कोई प्रयास नहीं है, कोई संदेश देने का प्रयास नहीं किया गया। केवल हिंसा दिखाने की कोशिश की गई है मैं नहीं समझता कोई औचित्य है।