रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज शनिवार रायपुर के एक होटल में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन की एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि इस कॉन्क्लेव में देशभर से बहुत सरे प्रतिभागी आए और उन्होंने यहां निर्यात की संभावनाएं देखी। छत्तीसगढ़ निर्यात में भरपूर संभावना वाला राज्य है। यहां बासमती, आयरन और एल्यूमिनियम में बेहतरीन क्षमता है। इन चीजों का निर्यात तो हम करते ही हैं अब हमारे यहां जो फ़ूड प्रोडक्ट है, मिलेटस है, लघु वन उपज है, वनौषधि है इसके भी निर्यात की बड़ी संभावनाएं हैं।
इसके लिए हमने भारत सरकार से अनेक बार मांग की है कि यहां इंटरनेशनल कार्गो की सुविधा उपलब्ध हो साथ ही DGFT के कार्यालय यहां खुले ताकि यहां के जो निर्यातक हैं उन्हें सहायता मिल सके। हमारे छत्तीसगढ़ में 10 हजार 500 गौठानों में हमने महात्मा गाँधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनाने का भी फैसला किया है। और बजट में भी 600 करोड़ का प्रावधान किया है।
कोई यदि अपने उत्पाद का उत्पादन करवाना चाहते हैं तो हमारे पास जमीन भी है, बिजली भी है, पानी भी है, मैन पावर है, रॉ मेटेरियल भी है और इन गौठानों में उत्पादन भी करा सकते हैं। इन्हें बीएस ट्रेनिंग देने की आवश्यकता है। अगर वे ये सब कराएं तो बहुत ही लाभदायक होगा देश के उद्योगपतियों को। उन्होंने सभी उद्योगपतियों और निर्यातकों को छत्तीसगढ़ आने का न्यौता दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बहुत अनुकूल आद्यौगिक वातावरण है। सभी आएं और इसका लाभ उठाएं। भारत सरकार ने जो 1 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात का जो लक्ष्य रखा है 2027-28 में तो उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार तत्पर है। इसी प्रोडक्ट जो छोटे छोटे समूह के द्वारा किया जा सकता है उसके लिए जमीन, बजली पानी, अनुभवी श्रमिक सभी चीजें हमारे छत्तीसगढ़ में है। उन्हें बस आर्डर देना है, रॉ मटेरियल उपलब्ध करवाना है, किस तरह की क्वालिटी चाहिए वो बता दें तो तुरंत उत्पादन किया जा सकता है इस प्रकार का वातावरण छत्तीसगढ़ में हमने बनाया है। मैं नहीं समझता देश के अन्य किसी राज्य में इस तरह की सुविधा है।
उन्होंने बताया कि कानक्लेव में छत्तीसगढ़ से निर्यात बढाने के तरीकों पर मंथन किया गया। सम्बोधन में उन्होंने कहा -छत्तीसगढ़ देश में सबसे ज्यादा 74 प्रतिशत लघु वनोपज जमा करता है। मिलेट्स में देश में कोई समर्थन मूल्य घोषित नहीं, हम खरीदते भी है और निर्यात भी करते है। सीएम ने कहा, हमने 10 हजार 550 पंचायतों में जमीन आरक्षित की है। दंतेवाड़ा में गोबर से स्वयं सहायता समूह ने गुलाल तक बनाया है।