रायपुर। बीजेपी शासित सरकारें अक्सर नाम बदलने को लेकर चर्चा में रहती हैं। इसी कड़ी में केंद्र इकी मोदी सरकार ने अब नेहरु संग्रहालय का नाम बदलने का फैसला किया है। नई दिल्ली स्थित नेहरु स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय को अब पीएम म्यूजियम के नाम से जाना जाएगा। भाजपा की बैठक में नेहरू संग्रहालय का नाम बदले जाने के फैसले पर कांग्रेस नाराज हो गई है।
जो खुद की लकीर बड़ी नहीं कर पाते, वो दूसरों की लकीर मिटाने की कोशिश करते हैं।
लेकिन अज्ञानतावश उनकी आत्ममुग्धता और संकीर्ण सोच इन्हें यह एहसास नहीं होने देती कि लकीर मिटाने से उनके योगदान के निशान नहीं मिटते।
गांधी-नेहरू इस लोकतंत्र की आत्मा के संरक्षक हैं। pic.twitter.com/X2ecOSkaiv
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) March 30, 2022
भुपेश बघेल ने साधा निशाना :
वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोदी सरकार पर निशाना साधते ट्वीट कर कहा- “जो खुद की लकीर बड़ी नहीं कर पाते, वो दूसरों की लकीर मिटाने की कोशिश करते हैं। लेकिन अज्ञानतावश उनकी आत्ममुग्धता और संकीर्ण सोच इन्हें यह एहसास नहीं होने देती कि लकीर मिटाने से उनके योगदान के निशान नहीं मिटते। गांधी-नेहरू इस लोकतंत्र की आत्मा के संरक्षक हैं।“
ये रहा है इतिहास :
गौरतलब है कि देश की राजधानी में नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय की स्थापना जवाहरलाल नेहरू की याद में की गई थी। जिस संस्था ने इसकी स्थापना की थी,वह भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के नियंत्रण में आती है। नेहरू मेमोरियल संग्रहालय आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के आधिकारिक बंगले , तीन मूर्ति भवन में बना हुआ है। यह संग्रहालय चार भागों में बंटा हुआ है,जिसमे से एक हिस्सा संग्रहालय, दूसरा आधुनिक भारतीय पुस्तकालय, समकालीन अध्ययनों से संबंधित है ,जबकि तीसरा हिस्सा केंद्र और नेहरू तारामंडल कहलाता है।