बलौदा बाज़ार। जिले में स्थित अंबुजा सीमेंट प्रबन्धन के ख़िलाफ़ ग्रामीणों के भारी विरोध के बीच गुरुवार को जिला प्रशासन और पर्यावरण विभाग ने अंबुजा सीमेंट के विस्तार को लेकर जनसुनवाई का आयोजन ग्राम भद्रा पाली मे किया है। जिस पर ग्रामीणों ने अधिकारियों और अंबुजा सीमेंट प्रबंधन पर सांठगांठ का आरोप लगाया है।
बता दें कि, लगातार क्षेत्र में बढ़ते खनन से भूजल का स्तर नीचे जा रहा है। वहीं धूल के गुबार से आम जनता परेशान है। अंबुजा सीमेंट से लगा हुआ 700 एकड़ में बना कुकुरदी जलाशय पूरी तरह सूख गया है। जो पहले किसानों सहित आम जनता के लिए जीवन दायनी साबित होता था। वहीं एक तरफ जनसुनवाई तो दूसरी तरफ ग्रामीणों की समस्या, यह समस्या है जिले के ग्राम भद्रापाली की।
दरअसल, 31 मार्च को जनसुनवाई अंबुजा सीमेंट संयंत्र द्वारा की जा रही है। इसका मतलब पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित कर नए प्लांट का खनन विस्तारीकरण करना होना है, लेकिन इस जनसुनवाई से ग्रामीणों में आक्रोश दिखाई दे रहा है। पिछले दिनों ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए कलेक्टर ने जनसुनवाई स्थागित किया था। अब फिर जनभावना को दरकिनार कर बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण की चिंता किए बगैर जिला प्रशासन जनसुनवाई आयोजित कर रही है। वहीं सीमेंट प्लांट दावा करती है बेरोजगारी दूर करने की लेकिन गांव के लगभग 2 दर्जन से अधिक युवा बेरोजगार हैं। उनको सीमेंट प्लांट से किसी भी तरह की नौकरी नहीं दी गई, जिसका खामियाजा गांव के युवा भुगत रहे हैं।
गांव की जनसंख्या लगभग 1200 है, लगभग आधी जनसंख्या अपना जीवन यापन खेती से करती है, लेकिन सीमेंट प्लांट के बढ़ते प्रदूषण का खामियाजा गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है, जिससे खेती करना भी मुश्किल हो गया है। गांव के लोग बताते हैं कि जो लोग कृषि पर निर्भर हैं, उन्हें खेती करने में समस्या हो रही है। वहीं कुछ लोग पलायन और मजदूरी करके अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
अंबुजा सीमेंट संयत्र हमेशा से जनहित को कर रही दरकिनार :
अधिवक्ता दिनबंधु देवांगन ने कलेक्टर बलौदाबाजार को अपने पत्र के माध्यम से अंबुजा सीमेंट के करतूतों व वादाखिलाफी के बारे में अवगत कराते हुए कहा कि जब से अंबुजा सीमेंट संयत्र स्थापित हुआ है तब से युवा व किसान वर्ग के साथ केवल छलावा हुआ है बात करे तो किसानों के जमीन को औने-पौने दामो में खरीद व युवा वर्ग को संयत्रके नोकरी का लालच का भ्रम देकर जमीन हथियाने का कारोबार अब तक बदस्तूर जारी रहा है। उन्होंने पत्र में यह भी बताया कि जनसुनवाई के दौरान 200 से 300 युवाओं को रोजगार देने की बात हमेशा से कहते आ रही है किंतु सच्चाई यह है कि आज भी कई तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवा अपने ही क्षेत्र में बेरोजगार घूम रहे है। बताया कि अंचल में सीमेंट कंपनी के बढ़ते क्रम स्थापना व विस्तारीकरण के चलते आसपास के गांवों में भूजल संकट भी लगातार बढ़ते जा रहा है ।जिसके चलते आमजन को काफी मूलभूत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी कारणों पर जिला प्रशासन व शासन को विस्तारीकरण को लेकर सीमेंट प्रबंधन को हरी झंडी देना कदापि उचित नही।