राज्यपाल अनुसुईया उइके ने छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 में संशोधन के लिए प्रस्तुत विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक-2022 के अनुसार भू-राजस्व संहिता की मूल अधिनियम की 12 धाराओं, अध्याय 07 की 48 धाराओं एवं अध्याय 14 की 16 धाराओं में संशोधन किया गया है।
छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक-2022 में मूल अधिनियम की धारा 50 की उपधारा 01 में बंदोबस्त आयुक्त के स्थान पर ‘आयुक्त भू-अभिलेख’ प्रतिस्थापित किया गया है। इसी प्रकार बंदोबस्त अधिकारी के स्थान पर ‘जिला सर्वेक्षण अधिकारी’ प्रतिस्थापित किया गया है। मूल अधिनियम के अध्याय 07 में शीर्षक ‘नगरेतर क्षेत्रों में राजस्व सर्वेक्षण तथा बंदोबस्त’ के स्थान पर ‘भू-सर्वेक्षण तथा भू-राजस्व निर्धारण’ शब्द प्रतिस्थापित किया गया है।
संशोधित विधेयक में नवीन धारा 178 ख का अंतःस्थापन किया गया है। इसके अनुसार तहसीलदार, खाता विभाजन हेतु प्राप्त आवेदनों को सर्वप्रथम ई-नामांतरण पोर्टल में प्रविष्ट कर, हितबद्ध पक्षकारों को सूचना जारी करेगा एवं आम सूचना या ईश्तहार का प्रकाशन करेगा। किसी प्रकरण में आपत्ति प्राप्त होने पर या तहसीलदार को प्रकरण, किसी कारण से विवादित प्रतीत होने पर, वह ऑनलाइन ई-नामांतरण पोर्टल से प्रकरण को अपने ई-राजस्व न्यायालय में स्थानांतरित कर पंजीकृत करेगा, अन्यथा प्रकरण में समस्त कार्यवाही ऑनलाइन ई-नामांतरण पोर्टल में की जायेगी।