आशीर्वाद भवन रायपुर में पं. भूपेन्द्र शुक्ल वरिष्ठ उपाध्यक्ष कान्यकुब्ज विद्या प्रचारिणी सभा इंदौर का सम्मान

आलोक मिश्रा स्टेटहेड

पं. भूपेन्द्र शुक्ल वरिष्ठ उपाध्यक्ष कान्यकुब्ज विद्या प्रचारिणी सभा इंदौर का सम्मान

रायपुर। कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज रायपुर द्वारा इंदौर के कान्यकुब्ज विद्या प्रचारिणी सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पंडित भूपेंद्र शुक्ल का आज (23 मार्च) आशीर्वाद भवन में समाज की ओर से अभिनदंन किया गया । इस अवसर पर अध्यक्ष पं. अरुण शुक्ल  ने कहा कि यह उल्लेखनीय है कि पं. भूपेंद्र शुक्ल ने अपने जीवन का एक लंबा समय छत्तीसगढ़ में बिताया है । छत्तीसगढ़ से इंदौर जाकर आप समाज के उपाध्यक्ष बने। इंदौर का कान्यकुब्ज समाज 1903 से संचालित है, जो कि सबसे पुरानी संस्था है । हम यहां आप सबकी प्रेरणा से विप्रजनों को एक सूत्र में बांधने का काम हम सतत कर रहे हैं। हमारे कामो की चर्चा देश भर के कान्यकुब्ज समाज के मंच पर एक न एक बार अवश्य होती है। हम रचनात्मक और सेवा के काम करते रहते है। अभी हम ने साहित्य परिषद का गठन भी किया है, जिसमे हर महीने साहित्य की गोष्ठी होगी। यहां ब्राह्मण के सभी वर्ग का ध्यान रख कर काम किए जाते है। आज ब्राह्मण वर्ग संघर्ष के दौर से गुजर रहा है। व्यापार मेला का आयोजन कर हम ने ब्राह्मण व्यापारी बंधुओं को प्रोत्साहित किया ।
उपाध्यक्ष पं. राघवेन्द्र मिश्र ने शुक्ल का परिचय दिया तथा समाज की गतिविधि की जानकारी देते हुए बताया कि समाज द्वारा विभिन्न रचनात्मक कार्य हर माह किये जाते हैं। विप्र समाज के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने वालों को छात्रावास में रुकने की निःशुल्क व्यवस्था की गई है।


पं. भूपेन्द्र शुक्ल ने कहा कि 47 साल हम रायपुर में रहे, पुलिस विभाग में रहे, कान्यकुब्ज समाज से हमारा जुड़ाव बना रहा। हमें यहां से प्रेरणा मिलती रही । आज उसी के कारण इंदौर में हम सफलतापूर्वक अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। पहले सीमित साधनों एवं विषम परिस्थिति में हम समाज के लिए काम करते रहे तब जाकर आज समाज की पहचान बनी है। ब्राह्मण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास की दिशा में उंन्हे प्रेरित करना होगा ताकि वे व्यवसाय सफलता से कर सकें । उदबोधन के पश्चात उनका शाल से सम्मान और स्मारिका भेंट की गई । अध्यक्ष पं. अरुण शुक्ल एवं सचिव पं. सुरेश मिश्र के नेतृत्व में अन्य प्रान्त से आने वाले अतिथियों का स्वागत व सम्मान की परंपरा सतत रूप से जारी है । अंत मे आभार अजय अवस्थी किरण ने किया । इस अवसर पर सहसचिव पं. गौरव शुक्ल, कार्यकारिणी सदस्य पं. शशिकांत मिश्र, पं. आर.के. दीक्षित, पं. जे. पी. मिश्र, पं. रमण शुक्ल उपस्थित रहे।