तबादले से नाराज कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने राजस्व मंत्री टंक राम के खिलाफ मोर्चा खोला,सेवा संघ हाईकोर्ट जाने की तैयारी में।

आलोक मिश्रा स्टेट हेड

छत्तीसगढ़ में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के थोक में तबादला आदेश कल जारी हुआ । अब इस लिस्ट को लेकर कई तरह के विवाद खड़े हो गए हैं । तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के थोक में तबादले से नाराज कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने राजस्व मंत्री टंक राम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है । संघ ने ट्रांसफर में पैसे का भारी लेन देन होने का आरोप लगाया है । वहीं इस मामले को लेकर कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ हाईकोर्ट जाने की बात कह रहे ।

बता दे कि छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरुवार को राजस्व विभाग के 169 अफसरों का तबादला किया है। इसमें 55 तहसीलदार भी शामिल हैं। इसके बाद तहसीलदारों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यह भी आरोप है कि कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों को टारगेट कर दूरस्थ स्थानों पर ट्रांसफर किया गया है।

सिमगा के तहसीलदार नीलमणि दुबे ने राजस्व मंत्री पर पैसे लेकर ट्रांसफर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने मीडिया में दिए बयान में कहा कि, ट्रांसफर में क्राइटेरिया का पालन नहीं किया गया। यह सब राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के बंगले से हो रहा है। उन्होंने कहा, ट्रांसफर ऑर्डर के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।

सिमगा तहसीलदार नीलमणि दुबे का 2 साल में 6 बार ट्रांसफर हो चुका है। खास बात यह है कि 4 माह में ही उनका 4 बार तबादला किया जा चुका है।

ट्रांसफर को लेकर कोई नियम बताए मंत्री जी – नीलमणि दुबे

सिमगा तहसीलदार कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि, मंत्री महोदय कोई क्राइटेरिया बता दें कि 2 साल से ऊपर वाले का ट्रांसफर किया गया है या 3 साल के ऊपर वाले का किया गया है। ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर तो कोई नियम होगा, मंत्री जी उसे बताएं। अगर सरकार और शासन ही नियम-कानून नहीं मानेंगे तो यह बहुत बड़ी विडंबना है। ऐसे में प्रदेश में कैसे सुशासन आएगा? सुशासन केवल नीति और नियम बनाने से नहीं होता उसका पालन करने से सुशासन आता है।