आलोक मिश्रा की कलम से
प्रथम पूज्य भगवान गणेश भक्तों के स्थान और मन में 10 दिन विराजमान होने के बाद आज गणेश महोत्सव का समापन का दिन है प्रथम पूज्य भगवान गणेश जी की मूर्तियों का विसर्जन भी भक्तों के द्वारा आज किया जाता है गणेश विसर्जन के कारण लोग इस दिन को गणपति के पूजन का दिन के रूप में पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं आज के दिन ही भगवान श्री हरि का भी विशेष महत्व का दिन होता है पूजा का दिन होता है गणेश चतुर्थी के दिन स्थापित किए गए गणपति का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाता है जिस दिन वेदव्यास जी ने महाभारत लिखने के लिए गणेश जी को महाभारत की कथा सुनाने शुरू की थी कथा सुनाते समय वेदव्यास जी ने आंखें बंद कर ली और गणेश जी को लगातार 10 दिनों तक कथा सुनाते रहे वेदव्यास जी सुनाते रहे और भगवान गणेश लगातार लिखते रहे दसवे दिन जब वेदव्यास जी ने आंखें खोली तो देखा कि लगातार लिखते लिखते गणेश जी के शरीर का तापमान काफी बढ़ गया है और उन्हें ठंडक प्रदान करने के लिए ठंडे जल में स्नान कराया दुख की लगवाई भगवान गणेश को अलकनंदा नद नदी के संगम पर स्नान कराया जिस दिन भगवान को वेदव्यास जी ने डुबकी लगाई थी उस दिन अनंत चतुर्दशी का दिन था इस वजह से चतुर्थी पर स्थापित होने के बाद गणेश जी का विसर्जन अनंत चतुर्दशी के दिन के रूप में भी मनाया जाता है 10 दिन पूरे उत्साह से भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने के बाद पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ अगले वर्ष फिर भगवान गणेश को वापस आने का निमंत्रण देकर विसर्जन किया जाता है भक्तों के द्वारा ढोल बाजे गाजे के साथ भगवान गणपति का विसर्जन किया जाता है