बलौदाबाजार आलोक मिश्रा
आयुष्मान दिवस समारोह का आयोजन
आयुष्मान भारत योजना में बेहतरीन काम
करने वालों का कलेक्टर ने किया सम्माान
अब तक 26 हजार से ज्यादा लोगों का हुआ मुफ्त इलाज
बलौदाबाजार,जिलेे में आयुष्मान पखवाड़ा के अंतर्गत आज स्थानीय जनपद पंचायत के सभाकक्ष में आयुष्मान दिवस समारोह का आयोजन किया गया। कलेक्टर सुुुनील कुमार जैन ने इस मौके पर योजना के अंतर्गत बेहतरीन काम करने वाली सरकारी एवं निजी अस्पतालों, डॉक्टरों, कियोस्क सेन्टर संचालक और आयुष्मान मित्रों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कलेक्टर ने कहा कि जिले के सभी पात्र लोगों का आयुष्मान कार्ड बनकर उनके हाथों में जल्द से जल्द आ जाने चाहिए ताकि इलाज के लिए पैसे के इंतजाम को लेकर उन्हें इधर-उधर भटकना न पड़े। उन्होंने योजना का बेहतर क्रियान्वयन कर राज्य स्तर पर पुरस्कार जीतने के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं योजना में पंजीकृत अस्पतालों के चिकित्सक एवं प्रबंधन को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर जिला पंचायत की सीईओ डॉ. फरिहा आलम सिद्धिकी,एसडीएम सुश्री प्रतिष्ठा ममगाई, सीएमएचओ डॉ खेमराज सोनवानी सहित योजना का लाभ उठाकर स्वस्थ हो चुके मरीज एवं उनके परिजन उपस्थित थे।
जिले के सीएमएचओ डॉ खेमराज सोनवानी ने कार्यक्रम में बताया कि अभियान छेड़कर जिले में आयुष्मान भारत डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य कार्ड बनाये जा रहे है। अब तक जिले में 7 लाख 64 हजार से ज्यादा कार्ड बनाये जा चुके हैं। जबकि 15 लाख 99 हजार लोगों के लिए कार्ड बनाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आयुष्मान भारत डॉ. खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक विनय मिश्रा ने बताया कि जिले में 45 अस्पताल इस योजना के अंतर्गत इम्पेनल हुए हैं। इनमें 35 सरकारी एवं 10 निजी अस्पताल शामिल हैं। पिछले लगभग डेढ़ वर्ष में 26 हजार 115 लोगों को इस योजना से फायदा हुआ है। लगभग 23 करोड़ 61 लाख रूपये का भुगतान इन अस्पतालों के भुगतान के लिए स्वीकृत किया गया है। योजनाओं के बेहतरीन क्रियान्वयन के लिए बलौदाबाजार-भाटापारा जिले को आज राज्य स्तरीय सम्मान भी प्राप्त हुआ है। योजना का लाभ लेकर स्वस्थ हो चुके रोहरा की रामबाई साहू, बनगबौद के रूपलाल कोसले और रैता के कृष्णकुमार वर्मा ने अपने संस्मरण सुनाये। उन्होंने बताया कि हमें गंभीर बीमारियों ने चपेट में ले लिया था। योजना के अंतर्गत मदद नहीं मिल पाती तो हमारी प्राण चले जाती अथवा घर बार अथवा जमीन बेचकर इलाज कराना पड़ सकता था।