खबर शिक्षा जगत को हैरान और शर्मसार कर देने वाली है। सरकार सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा देने शिक्षकों की भर्ती कर रही है ताकि पदस्थ शिक्षक छात्रों का भविष्य संवार सके लेकिन शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेलगहना की बात ही अलग है।

आलोक मिश्रा

खबर शिक्षा जगत को हैरान और शर्मसार कर देने वाली है। सरकार सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा देने शिक्षकों की भर्ती कर रही है ताकि पदस्थ शिक्षक छात्रों का भविष्य संवार सके लेकिन शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बेलगहना की बात ही अलग है।

मिली जानकारी के अनुसार बेलगहना बालक हायर सेकंडरी स्कूल में शाला विकास समिति की बैठक में तीन शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें स्कूल से अन्यंत्र स्थानांतरित किए जाने का प्रस्ताव रखा गया।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार बेलगहना बालक स्कूल में तीन शिक्षक ए के दिवाकर, एस के तिवारी और क्षत्रपाल सिंह लहरे जो रसायन शास्त्र, अंग्रेजी और भौतिक विज्ञान के शिक्षक हैं वो जब कभी स्कूल आते हैं तो क्लास में पढ़ाने नहीं जाते, इन पर आरोप है कि ये तीनों शिक्षक प्रभारी प्राचार्य द्वारा आदेशित किसी सूचना रजिस्टर या पत्र पर हस्ताक्षर नहीं करते। प्राचार्य के आदेश की अवहेलना करते हैं। छात्र अहित के लिए इनके द्वारा पाठन कार्य प्रभावित किया जाता है। ये शिकायत करने की बात पर FIR की धमकी देते हैं। विद्यालय व्यवस्था का पालन नहीं करते।

सवाल ये की इन्हें तनख्वाह किस बात की मिलती है?

सबसे बड़ी बात यह कि ये शिक्षक अपने ही कार्यालयीन स्टाफ को दोगला, गद्दार और बेईमान कहते हैं। ऐसा शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया है।

शिक्षक कहते हैं…मैं नहीं पढ़ाऊंगा जो करना है कर लो!

इस पूरे मामले की शिकायत प्रभारी प्राचार्य एम सिंह नें जिला शिक्षा अधिकारी से 6/10/21 को लिखित रूप से की है।

बहरहाल सवाल उठना लाजिमी है कि छात्रों का भविष्य संवारने वाले शिक्षकों की इतनी गंभीर शिकायत बाद जिला शिक्षा अधिकारी कितनी जल्दी शिकायत की जांच कर दोषी पाए जाने वाले शिक्षकों पर कार्यवाही करते हैं।