विवादों में घिरने के बाद बदले गए सर्किट ट्रेन स्टाफ का ड्रेस कोड, जानिए साधू-संतों क्यों जताई थी आपत्ति

भारतीय रेलवे की एक ट्रेन इन दिनों चर्चा में है, जिसका नाम है रामायण सर्किट ट्रेन। रामायण सर्किट ट्रेन किसी और वजह से नहीं, बल्कि अपने स्टाफ की ड्रेस को लेकर खबरों में है। इस खास ट्रेन में स्टाफ को भी खास थीम बेस्ड ड्रेस् पहनाई गई थी, जिसपर आपत्ति होने के बाद इसे बदल दिया गया है। रामायण सर्किट के खबरों में आने के बाद लोगों के मन में सवाल है कि आखिर ये ट्रेन किस तरह से खास है और इसमें किस तरह के यात्री ट्रैवल करते हैं।

आखिर ड्रेस पर क्यों मचा बवाल?

दरअसल, रामायण सर्किट ट्रेन के यात्रियों की सर्विस के लिए जो स्टाफ ट्रेन में काम करता है, उन्हें खास थीम बेस्ड ड्रेस पहनाई गई थी। इस ड्रेस में पीला कुर्ता, लाल धोती और सिर पर पगड़ी शामिल की गई थी। जो धर्म विशेष की धार्मिक ड्रेस से मिलती जुलती लग रही थी। इस ड्रेस को देखने के बाद उज्जैन के साधु-संतों ने इस पर आपत्ति जताई। रामायण एक्सप्रेस ट्रेन के स्टाफ की भगवा पोशाक पर आपत्ति जताते हुए उज्जैन के साधु-संतों ने कहा था कि यह हिंदू धर्म का अपमान है और धमकी दी कि अगर यह ड्रेस बदली नहीं गई तो वे 12 दिसंबर को दिल्ली में इस ट्रेन को रोकेंगे।

हालांकि, इस आपत्ति के तुरंत बाद ही ‘इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (आईआरसीटीसी) ने ट्विटर पर ऐलान किया कि इस ट्रेन के वेटर की पोशाक अब भगवा नहीं होगी। इसे बदलकर अब वेटर की परंपरागत पोशाक कर दी गई है। साधु संतों का कहना था, ‘साधु-संतों जैसे भगवा कपड़े और रुद्राक्ष की माला पहन कर इस ट्रेन में वेटर द्वारा यात्रियों को जलपान और भोजन परोसना हिंदू धर्म और उसके संतों का अपमान है।’

सर्किट ट्रेन शुरुआत करने की वजह ?

रामायण सर्किट ट्रेन आम ट्रेनों से काफी अलग है। यह टूरिस्ट ट्रेन है, जिसके जरिए यात्रियों को एक पैकेज में अलग अलग स्थानों पर घुमाया जाता है। इस पैकेज में भगवान राम से जुड़े 15 स्थल शामिल है, यानी इस ट्रेन के जरिए यात्रियों को इन स्थानों पर घुमाया जाता है। यह एक तरह से यात्रा करवाती है और इस दौरान यात्री इस ट्रेन में ही रहते हैं, जहां उनके खाने पीने आदि सभी का इंतजाम किया जाता है. यह अपनी लग्जरी सर्विस के लिए जानी जाती है।

दिल्ली से शुरू होने वाली इस ट्रेन की यात्रा के दौरान कुल 7500 किलोमीटर का रूट तय होता है। इस दौरान यात्रा में शामिल लोगों को भगवान राम से जुड़े 15 स्थलों के दर्शन करने का मौका मिलेगा। इन स्थलों में राम जन्मभूमि मंदिर से शुरू होने वाली ये यात्रा, हनुमान मंदिर, भरत मंदिर, जानकी जन्मस्थान, रामजानकी मंदिर, काशी के प्रसिद्ध मंदिर, सीता समाहित स्थल, प्रयाग, श्रृंगवेरपुर, चित्रकूट, पंचवटी, त्रयंबकेश्वर, हनुमान जन्म स्थल, रामेश्वर का शिव मंदिर होते हुए और अंत में धनुषकोडी तक पहुंचेगी।

इस पैकेज में ट्रेन की यात्रा के साथ-साथ, लग्जरी होटल में ठहरने की सुविधा, यात्रा के दौरान खाना, शहरों में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए एसी बस की सुविधा, लाइब्रेरी, ट्रैवल इंश्योरेंस वगैरह शामिल है. इस यात्रा के लिए एसी फर्स्ट क्लास के पूरे पैकेज की कीमत 1,02,095 रुपये है. वहीं, सेकेंड एसी में यात्रा करने वाले लोगों के लिए पैकेज की कीमत 82,950 रुपये रखी गई है.