बिलासपुर | न्यायधानी में कांग्रेस की अंतर्कलह कम नहीं हो रही है। केंद्र सरकार के खिलाफ चलाए जा रहे जन जागरण अभियान में कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी से लेकर मंत्री व विधायक बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। प्रदेश स्तरीय इस अभियान में भले ही सत्ता व संगठन का तालमेल दिखाने की कोशिश चल रही है। बावजूद इसके यहां सरकारी कार्यक्रमों में गुटबाजी साफ नजर आने लगी है। बुधवार को अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के आयोजन सत्ता पक्ष के ही विधायक शैलेष पांडेय को नहीं बुलाया गया। हालांकि, उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह गुटबाजी नहीं है। विधायक को समापन अवसर पर बुलाया गया है। वहीं विधायक ने कहा कि उन्हें कार्यक्रम का आमंत्रण ही नहीं मिला है।
भारतीय विश्वविद्यालय संघ ने विश्वविद्यालय स्तर के आयोजन की जिम्मेदारी इस बार अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी को दी है। इसी कड़ी में यूनिवर्सिटी की मेजबानी में अंतर-विश्वविद्यालय हॉकी प्रतियोगिता रखी गई है। बुधवार को उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल के मुख्य आतिथ्य में इस प्रतिस्पर्धा का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में संसदीय सचिव रश्मि सिंह के साथ ही पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव भी मौजूद रहे, लेकिन शहर विधायक शैलेष पांडेय आयोजन में नजर नहीं आए। खास बात यह है कि विधायक पांडेय उच्च शिक्षा मंत्री के करीबी भी हैं। बावजूद इसके कार्यक्रम में उनकी दूरी चर्चा का विषय बनी रही। इस संबंध में विधायक शैलेष पांडेय ने कहा कि मुझे आयोजन में नहीं बुलाया गया था। इसलिए शामिल नहीं हुआ।
उच्च शिक्षा मंत्री बोले- कोई गुटबाजी नहीं-
उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि इसमें कोई गुटबाजी नहीं है। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी में तीन दिन का आयोजन है। लिहाजा, सभी अतिथियों को अलग-अलग दिन बुलाया गया है। शहर विधायक पांडेय को समापन समारोह में बुलाया गया है।
समर्थकों ने मंच से बनाई दूरी-
विधायक शैलेष पांडेय के करीबी व उच्च शिक्षा मंत्री के समर्थक उनके साथ कार्यक्रम में बहतराई स्टेडियम पहुंचे थे। लेकिन, आमंत्रण नहीं मिलने के कारण एल्डरमेन सहित अन्य समर्थक मंच से दूरी बनाए रहे। इस दौरान उनके मन में विधायक को कार्यक्रम से दूर रखने का गुस्सा साफ झलक रहा था।
उच्च शिक्षा मंत्री पटेल ने विधायक से की चर्चा-
बताया जा रहा है कि उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल को रायपुर से आने में विलंब हो गया। लिहाजा, वे सीधे कार्यक्रम स्थल बहतराई स्टेडियम पहुंचे। इस दौरान उन्होंने समर्थकों से शहर विधायक पांडेय के संबंध में पूछताछ की। साथ ही मोबाइल से चर्चा भी की। तब उन्होंने बताया कि उन्हें कार्यक्रम का आमंत्रण नहीं मिला है। इस पर उच्च शिक्षा मंत्री पटेल ने हैरानी भी जताई।
राज्योत्सव को लेकर हुआ था बवाल, कलेक्टर को हटाने की थी मांग-
1 नवंबर को जिला मुख्यालय में आयोजित राज्योत्सव को लेकर भी बवाल हुआ था। जिला प्रशासन के इस आयोजन में भी कांग्रेस की आपसी फूट नजर आई थी। इस आयोजन के बाद विधायक ने कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर को हटाने व राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। विधायक ने कलेक्टर डॉ. पर जनप्रतिनिधियों को अपमानित करने का आरोप लगाया भी लगाया था।