छत्तीसगढ़ | प्रदेश में बाघों की मौत का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों मुंगेली क्षेत्र के अचानक मार टाइगर रिजर्व (ATR) से लगे वन्य क्षेत्र में गुरुवार को एक बाघ की शव मिला है। बाघ की मौत का कारण अज्ञात है। लेकिन, शव के कई दिन पुराने होने की आशंका जताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक़ बाघ वयस्क नहीं था। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम दोपहर को घटनास्थल पर पहुंचे। हालांकि बाघ की मौत को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
जानकारी के मुताबिक, ATR से लगे टिंगीपुर के कक्ष क्रमांक-94 में आसपास के ग्रामीणों नें एक बाघ का शव देखा था। इसकी जानकारी बीट गार्ड और रेंजर को दी गई थी। अफसरों को सूचना मिली तो दोपहर करीब 3 बजे ATR के डिप्टी डायरेक्टर समेत बिलासपुर वन मंडल के अधिकारी जंगल के अंदर दाखिल हुए। अभी तक अफसर इसको लेकर जानकारी जुटा रहे हैं। हालांकि एक तस्वीर जरूर बाघ के शव की सामने आई है। इसे ही ATR में मिले शव होने का दावा है।
बताया जा रहा है कि यह इलाका वन विकास निगम के अंतर्गत आता है। यहां पर पहले भी बाघ और वन्य जीवों का शिकार होता रहा है। साल 2019 में शिकारियों ने यहां बिजली का तार लगाया था। उसमें वन्य जीव तो नहीं फंसा, लेकिन एक बच्चा जरूर चपेट में आ गया था। इसके चलते उसके हाथ झुलस गए। बाद में उपचार के दौरान बच्चे के दोनों हाथ काटने पड़े थे। फिलहाल जंगल में सर्चिंग जारी है। इस मामले में अफसर अभी कुछ बोल नहीं रहे।
प्रदेश में लगतार घटते जा रहा बाघों की संख्या
बता दें कि छत्तीसगढ़ की रमन सिंह सरकार ने अपने कार्यकाल में प्रदेश में 46 बाघ होने का दावा किया था। इसके बाद भूपेश बघेल सरकार के समय वन विभाग ने सिर्फ 19 बाघ बचे होने की जानकारी साझा की। इसके हिसाब से अब प्रदेश में 14 बाघ होने की ही आशंका है। इससे पहले 21 फरवरी 2019 को डिंडौरी, 8 दिसंबर 2019 को कांकेर, 24 जनवरी 2021 को धमतरी और 12 मार्च 2021 बस्तर में बाघ के शिकार के मामले सामने आ चुके हैं।