महासमुंद / रोमी सलूजा
महासमुंद जिले के बसना ब्लॉक का एक ऐसा गांव जो बारह वर्षों बाद भी पुलिया को तरस रहा है। मुख्यमंत्री, सांसद, विधायक, कलेक्टर के दफ्तरों के सैकड़ों चक्कर के बाद भी नहीं खुली किसी की आंखें इस गांव के लिए। वोट की राजनीति करने वाले सांसद, विधायकों को नहीं है सरोकार ग्रामीणों के तकलीफों से। दो सरकारें बदल गईं और तीसरी सरकार काबिज है, पर बसना विकासखंड के भदरपाली के अन्नदाताओं के लिए ट्यूब ही एकमात्र सहारा बना हुआ है।
क्योंकि, भदरपाली व लमकेनी के बीच सुरंगी नाला पड़ता है। इस नाला को ट्यूब के सहारे पार कर भदरपाली के अन्नदाता खेती करने लमकेनी पहुंचते हैं। इतना ही नहीं, भदरपाली व लमकेनी के लोग नौ महीने तक एक-दूसरे की शक्ल भी नहीं देख पाते।बसना से भदरपाली की दूरी 18 किमी है और फोरलेन से 7 किमी दूर है। नाला के एक तरफ भदरपाली गांव है और दूसरी तरफ लमकेनी गांव है। नाला दो विधानसभाओं की सरहद भी है। भदरपाली से लमकेनी गांव नाला के रास्ते एक किमी है।
नाला में पानी भरा होने से भदरपाली व लमकेनी गांव के लोग या तो ट्यूब के सहारे एक-दूसरे गांव पहुंचते हैं या फिर सड़क मार्ग से 15 किमी घुमना पड़ता है। वर्ष 2012 से दोनों गांव के लोग नाला पर पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं। न सरकार सुन रही है और न जनप्रतिनिधि। पुल निर्माण के लिए विभाग के अफसर आते हैं और फिर नापजोख कर चले जाते हैं। कोई कुछ नहीं बता रहा है कि नाला पर कब बनेगा पुल। देखा जाए तो दोनों गांव के लोगों को शासन-प्रशासन ने अपने हाल पर छोड़ दिया है।
पिछले 11 वर्षों से मांग करने के बाद भी कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखने पर पुल निर्माण होने की उम्मीद भी गांव के लोगों ने छोड़ दी है।हम आपको बता दे कि 50 किसानों की 400 एकड़ जमीन नाला के पार लमकेनी गांव में हैं। खेती-किसानी के सीजन में किसान ट्यूब के सहारे ही खेती करने के लिए सुरंगी नाला पार कर लमकेनी गांव जाते हैं। ट्यूब में ही धान बीज, खाद और कृषि उपकरण लादकर ले जाते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी फसल कटाई के समय होती है। ट्यूब के सहारे नाला पार फसल की कटाई करते हैं और 15 किमी घूमकर फिर भदरपाली गांव आते हैं। ऐसे में खर्च अतिरिक्त बढ़ जाता है।
सुरंगी नाला के कारण भदरपाली के किसानों को 15 किमी घूमकर तुषगांव धान बेचने के लिए जाना पड़ता है। जबकि, नाला के रास्ते भदरपाली व तुषगांव की दूरी सिर्फ दो किमी है। ग्रामीणों ने बताया कि पुल निर्माण की मांग करते-करते थक चुके हैं। सिर्फ आश्वासन ही मिलता है, काम नहीं हो रहा है। बसना विधायक व सरायपाली विधायक को कई बार ज्ञापन दे चुके हैं। फिर भी उम्मीद की किरण नहीं दिख रही है। कलेक्टर जनर्दशन के साथ राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री जनदर्शन तक पुल निर्माण की गुहार लगा चुके हैं।
इस मामले में कलेक्टर डोमन सिंग से जब मीडिया ने बात की तो उन्होंने कहा मामला संज्ञान में है दिखवाता हूँ। कह कर बाईट देने से मना कर दिया।