रायपुर। राजधानी के रजबंधा मैदान स्थितएकात्म परिसर में भाजपा ने निकाय चुनाव को लेकर आरोप पत्र जारी किया है। पिछले चुनावों में भाजपा ने घोषणा पत्र को संकल्प पत्र नाम दिया था। लेकिन निकाय चुनाव में भाजपा ने अपने ट्रेंड बदल दिया है और इसे आरोप पत्र नाम दिया है।
इसे जारी करने के लिए पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, राजेश मूणत, पूर्व युवा मोर्चा अध्यक्ष विजय शर्मा और पूर्व आईएएस और भाजपा नेता ओपी चौधरी पत्रकारों के सामने आये थे।
आरोप पत्र में लिखा ‘1. बदहाली: भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में शहरी क्षेत्रों के लिए विकास का बजट 300 करोड़ रुपए से बढ़कर 4000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को चुनौती देते हैं कि वह बताएं कि आज 3 सालों में उन्होंने शहरी विकास के बजट को राज्य सरकार की ओर से कितना बढ़ाया? दरअसल आज सभी नगरीय निकायों में विकास शून्यता की स्थिति उत्पन्न हो गई है। भाजपा के समय जहां नगरीय निकाय आत्मनिर्भरता की और आगे बढ़ रहे थे वहीं आज कर्मचारियों का वेतन तक नहीं बंट पा रहा है।
2. तुष्टिकरण: लगातार भगवा ध्वज का अपमान हिन्दू कार्यकर्ताओं के दमन का सिलसिला प्रदेश भर में चल रहा है। कवर्धा में जिस तरह सम्प्रदाय विशेष के विधायक और मंत्री के संरक्षण में हिन्दुओं पर जुल्म किये गए इससे प्रदेश भर में आक्रोश व्याप्त है। सुकमा एसपी को धर्मांतरण के खिलाफ आधिकारिक पत्र लिखना पड़ रहा है, प्रदेश में जबल • धर्मान्तरण की कोशिशों का मामला हर तरफ से सामने आ रहा है।
3. अपराधगढ़: छत्तीसगढ़ को शांति के टापू के रूप में जाना जाता था, लेकिन आज कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश को अपराधगढ़’ बना दिया है। प्रतिदिन यहां 12 से अधिक बहने बलात्कार की विभीषिका को झेलने के लिए अभिशप्त है। बुजुर्गों के विरुद्ध अपराध और अनुसूचित जनजाति वर्ग की नाबालिग बच्चों से दुष्कर्म के मामले में आज छत्तीसगढ़ देश में दूसरे स्थान पर आ गया। वहीं बच्चों के खिलाफ अपराध में हमारा छत्तीसगढ़ आज तीसरे स्थान पर है, जो राष्ट्रीय औसत से 2 गुना अधिक है। एनसीआरबी के ये सारे तथ्य दुर्भाग्यपूर्ण और सर्मसार कर देने वाले हैं।
4. नशा माफियाः पूरे छत्तीसगढ़ को कांग्रेस ने नशा माफियाओं के सुपुर्द कर दिया है। राजधानी रायपुर और प्रदेश के अन्य शहरों में लगातार घटित हो रही घटनाएं इस बात के प्रमाण हैं। प्रदेश के पत्थलगांव शहर के बीच गांजा माफिया द्वारा मां दुर्गा के जुलूस में श्रद्धालुओं के ऊपर गाड़ी चढ़ा कर रौंद दिया गया। हर तरफ गांजा, चरस, अफीम, अवैध शराब का साम्राज्य हो गया है। इसीलिए एनसीआरबी के आंकड़ों में किशोरों द्वारा किए जाने वाले अपराध के मामले में छत्तीसगढ़ पहले नंबर पर पहुंच गया है।
5. घर-घर शराब: कांग्रेस ने शराबबंदी का वादा किया था। हम पूछना चाहते हैं कि कांग्रेस बताये कि क्या कोरोना काल में जब सब कुछ बंद था। तब भी कांग्रेस की सरकार क्या शराब की होम डिलीवरी नहीं करा रही थी? क्या प्रीमियम शराब की दुकानों का लगातार खोला जाना इनका जनता के साथ विश्वासघात नहीं है?
6. संपत्ति कर की मार: कांग्रेस ने जन घोषणा पत्र में संपत्ति कर को आधा करने का वादा किया था। आज कांग्रेस को सता में बैठे हुए 3 साल हो चुके हैं लेकिन कांग्रेस ने इसे कम नहीं किया है। संपत्ति कर में एक रुपये की भी कटौती न करता छत्तीसगढ़ की जनता के साथ एक और बड़ा धोखा है।
7. भूमिहीनों के साथ धोखाः कांग्रेस ने भूमिहीन कब्जाधारी परिवारों को पट्टा देने का वादा किया था। हम चुनौती के साथ पूछना चाहते हैं कि आपने कितने परिवारों को पट्टा प्रदान किया है? घोषणा अनुसार पट्टा तो दे नहीं पाये, उलटे कब्जाधारी गरीब लोगों को 152% की दर लाखों रुपए का नोटिस पकड़ा दिया गया। अनेक स्थानों पर गरीबों के घर तोड़कर, जमीन खाली कराकर सरकारी जमीन को बेचने की कोशिश भी की जा रही है।
8. बेघर गरीब: कांग्रेस ने घोषणा पत्र में वादा किया था कि आवासहीनों को 2 कमरों का मकान प्रदान किया जाएगा। हम चुनौती के साथ पूछना चाहते हैं कि कांग्रेस ने इन 3 सालों में कितने आवसहीनों को राज्य सरकार के माध्यम से घर प्रदान किया है? बल्कि दुर्भाग्य की बात है कि राज्यांश न दे पाने के कारण हमारे छत्तीसगढ़ के साढ़े ग्यारह लाख गरीबों को छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने बेघर बना दिया है।
9. दुराग्रह की पराकाष्ठा दुखद यह है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री जी की यह योजना है इसलिए वे घर नहीं बनने देंगे. भाजपा यह पूछना चाहती है कि जब श्रीमती इंदिरा गांधी के नाम से आवास योजना थी तब क्या राज्यांश नहीं दिया जा रहा था? कांग्रेस को नेहरू-गांधी परिवार के नाम से योजना स्वीकार है लेकिन उन्हें योजनाओं में प्रधानमंत्री शब्द स्वीकार नहीं है।
10. कर्मचारियों से धोखा: कांग्रेस ने सभी अनियमित संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। हम चुनौतों के साथ पूछना चाहते हैं कि 3 साल में कांग्रेस ने नगरीय निकायों के कितने ऐसे संविदा और अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण किया है?
11. डीए हड़पा केंद्र की सरकार आज 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता दे रही है, वहाँ कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों को 14 प्रतिशत कम कर मात्र 17 प्रतिशत दे रही है। क्या यह प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों के साथ अन्याय नहीं है?
12. बेरोजगारों को मारः कांग्रेस ने 10 लाख बेरोजगार युवाओं को 2500 रुपया महीना प्रतिमाह देने का वादा किया था। हम कांग्रेस सरकार से पूछना चाहते है कि क्या एक भी बेरोजगार युवक को एक भी रुपये की राशि 3 साल में प्रदान की गई है?
13. महिला हितों पर डाका: कांग्रेस ने स्व-सहायता समूहों के कर्जा माफ करने का वादा किया था। हम कांग्रेस से पूछना चाहते हैं कि उन्होंने की कितने महिला स्व-सहायता समूहों का कर्जा माफ कर दिया?
14. निवाला छीनाः अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि रोजगार के बड़े-बड़े वादे के साथ सत्ता में आयी कांग्रेस ने कमीशनखोरी के लिए आगनबाड़ियों में रेडी टू ईट का संचालन कर रही प्रदेश की 21 हजार महिलाओं को बेरोज़गार कर उनके मुंह से निवाला छीनने का काम किया है।
15. ज़मीनों का सौदा: हमारी संस्कृति में भूमि को मां माना गया है। छत्तीसगढ़ में कोई किसान भी जमीन बेचने को अपने स्वाभिमान की आख़िरी हार समझता है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस यहां शहरों के महत्वपूर्ण स्थानों की शासकीय जमीन को बेच रही है। हम कांग्रेस से पूछना चाहते हैं कि अगर सरकारी जमीनों को बेच दिया जायेगा, तो कल स्कूल, अस्पताल, गार्डन, खेल मैदान, लाइब्रेरी, पार्किंग, जिम, ऑक्सीजोन कहां बनाए जायेंगे?
16. बुजुगों का सहारा छीना: एक हजार रुपये और 15 सौ रुपए पेंशन का कांग्रेस ने वादा किया था। हमारे समाज के कितने सम्मानीय बुजुर्गों को कांग्रेस ने 1 हजार और 15 सौ रुपये का पेंशन दिया?
17. कर्ज का मकड़जाल लोगों को कर्ज मुक्ति का सपना दिखा कर इस सरकार ने समूचे प्रदेश को पीढ़ियों तक के लिए कर्जदार बना दिया है। भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन के कारण मात्र ढाई वर्ष में ही प्रदेश की इस सरकार ने 40 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज ले लिया है। स्थिति यह है कि रोजमरों के बचों के लिए भी सरकार को आज कर्ज लेना पड़ रहा है जबकि भाजपा शासन में छत्तीसगढ़ की पहचान उसके कुशल आर्थिक प्रबंधन के कारण होती थी।
18. चावल चौर: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अत्र योजना के तहत मिले गरीबों के हिस्से के 15 सौ करोड़ से अधिक की राशि का गबन भूपेश सरकार ने कर लिया है।
19. भद्दा मज़ाक मोदी जी की सरकार ने डीजल पर 10 रुपये और पेट्रोल पर 5 रुपये की बड़ी राहत दी है, भाजपा | शासित राज्यों ने भी अपने-अपने प्रदेशों में वैट घटा कर महंगाई को नियंत्रित किया है। जबकि कांग्रेस सरकार ने डीजल पर 1 रुपये 44 पैसे और पेट्रोल पर मात्र 77 पैसे की कमी कर जनता के साथ भद्दा मजाक किया है।
20. प्यासी जनता: एक तरफ जहां मोदी सरकार ने 100 करोड़ रुपए के जल जीवन मिशन की शुरुआत कर लोगों को साफ़ पानी देने की योजना बनायी वहीं कांग्रेस सरकार इस मामले में भी नकारा ही साबित हुई है. प्रदेशभर में 2200 स्थान आज भी ऐसे हैं, जहां नगरीय निकायों ने स्वच्छ जल देने का काम ही शुरू नहीं किया है। अपने चहेतों को लाभ देने के लिए कांग्रेस टेंडर की प्रक्रिया ही पूरी नहीं कर रही है।
21. स्मार्ट सिटी केन्द्रीय योजनाओं से प्रदेश में रायपुर, नवा रायपुर और बिलासपुर, तीन शहरों को स्मार्ट सिटी का दर्जा देकर बजट आवंटित किया गया। कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद इस राशि का भी बंदरबांट कर लिया। राज्य की ओर से कोरबा, राजनांदगांव, भिलाई और रायगड़ को स्मार्ट सिटी के रूप से विकसित करना था, इसे भी कांग्रेस ने सत्ता में आते ही ठंडे बस्ते में डाल दिया।
22. प्रवेध प्लॉटिंग: प्रदेश के सभी शहरों में कांग्रेस के संरक्षण में अवैध प्लॉटिंग का काम चल रहा है। इससे जहाँ बड़ी संख्या में लोग ठगे जा रहे हैं, वहीं औने-पौने कीमत पर किसानों की ज़मीन भी माफियाओं द्वारा हड़पी जा रही है। प्रदेश के शहरी विकास मंत्री द्वारा अपने क्षेत्र आरंग में खुद को ही ज़मीन आवंटित कर लेना कांग्रेस के भ्रष्टाचार का ताजा उदाहरण है।
23. रिश्वतखोरी: नगर निगम में मंत्री टैक्स, मेयर टैक्स, सभापति टैक्स समेत रिश्वत और घुसखोरी का बाजार गर्म है. बिना रिश्वत दिए कहीं भी कोई उचित कार्य नहीं हो पा रहे हैं। तबादला उद्योग को कांग्रेस ने खुद के लिए कुटीर उद्योग बना दिया है।
24. बेडलाज़ गरीब: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश के सभी गरीबों को 5 लाख तक के निःशुल्क इलाज़ के लिए आयुष्मान योजना की शुरुआत की थी। यह योजना छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बीजापुर जिले के जांगला से ही शुरू की गयी थी, लेकिन कांग्रेस ने इस योजना को प्रदेश में बंद कर दिया है। जहां अन्य सभी प्रदेश के गरीबों को • इसका लाभ मिल रहा है, वहां छत्तीसगढ़ में इसे राजनीतिक दुर्भावनावश रोकने का निंदनीय काम कांग्रेस ने किया है।
25. बुनकरों का रोजगार छीना: कांग्रेस सरकार ने स्कूल यूनिफॉर्म मिलने वाले 50 हजार से अधिक बुनकरों का रोजगार छीना है’।