CIMS में भर्ती मरीजों के सैंपल की जांच में मिले हैजा के जीवाणु, स्वास्थ्य विभाग की बढ़ी चिंता

बिलासपुर। बीते कुछ समय से न्यायधानी में स्वास्थ्य को लेकर लगतार ख़बरें मिल रही थी। इस बीच पता चला है कि जिले में लोग केवल डायरिया से ही नहीं, अब हैजा बीमारी का खतरा भी बढ़ते जा रहा है। जानकारी अनुसार बिलासपुर CIMS में भर्ती मरीजों के सैंपल की जांच में हैजा के जीवाणु मिले हैं। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। इसके बाद नगर निगम को सावधानी बरतने और साफ पानी की सप्लाई करने कहा गया है। CIMS में भर्ती डायरिया पीड़ित पांच मरीजों के मल में विब्रियो कोलरा बैक्टीरिया के अंश (ई-कोलाई बैक्टीरिया) मिले हैं। यह जानकारी सिम्स प्रबंधन ने शासन को दे दी है।

 

बता दें, अब तक तालापारा, तारबाहर, टिकरापारा, जरहाभाठा मिनी बस्ती, विनोबा नगर में डायरिया के करीब 300 से भी ज्यादा मरीज मिल चुके हैं। करीब 50 मरीजों को CIMS और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के रिकॉर्ड में डायरिया से 4 मौत ही बताई गई है। निगम प्रशासन ने पहले पानी साफ होने का दावा किया था। हालांकि बाद में इन इलाकों से दोबारा सैंपल लेकर जांच कराई गई, जिसमें 5 जगह की रिपोर्ट में दूषित पानी मिला है।डायरिया फैलने की वजह जानने के लिए पहली बार पानी का सैंपल लेकर जांच की गई। पहली रिपोर्ट में पानी साफ मिला था। तब प्रभावित क्षेत्रों से दोबारा सैंपल लेकर बैक्टीरियल जांच के लिए CIMS के वायरोलॉजी विभाग भेजा गया। इस बार तालापारा और तारबाहर इलाकों से 21 सैंपल लेकर जांच की जा रही है। हालांकि अभी पूरी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। कुछ जगहों के सैंपल में सामान्य डायरिया और टाइफाइड के बैक्टीरिया मिले हैं।

 

वहीं CMHO प्रमोद महाजन ने कहा :

 तालापारा, टिकरापारा, मरीमाई, तारबाहर और विनोबा नगर से पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए CIMS के लैब में भेजा गया था। इनमें 5 जगहों के सैंपल की जांच में दूषित पानी मिला है। 3 सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई। दूषित पानी पीने से ही डायरिया फैलने की आशंका है।

 

ई-कोलाई बैक्टीरिया
ई-कोलाई इश्चेरिचिया कोलाई का संक्षिप्त रूप है। यह एक तरह का बैक्टीरिया है जो मनुष्यों और पशुओं के पेट में हमेशा रहता है, इस बैक्टीरिया के ज्यादातर रूप हानिरहित हैं, लेकिन कुछ ऐसे हैं जो पेट में मरोड़ और दस्त जैसे लक्षण पैदा करते हैं। कई बार इनकी वजह से लोगों का गुर्दा काम करना बंद कर देता है और संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।