रायपुर डेस्क
गांधी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज
रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में धर्म संसद का आयोजन किया गया था. इस आयोजन के अंतिम दिन 26 दिसम्बर को एक कथित संत द्वारा महात्मा गांधी पर की गई अपमानजनक टिप्पणी के बाद बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई हैं.
जिस बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई हैं वे महाराष्ट्र के हैं और उनका नाम कालीचरण बताया गया है. हालांकि बाबा जी का सोशल एकाउंट खंगालने पर पता चलता है कि उन्हें सनातन धर्म की चिंता तो हैं लेकिन देश के एक समुदाय से खासी नफरत भी हैं. उनकी तमाम पोस्ट वैमनस्यता और नफरत को बढ़ावा देने वाले जहर से अटी पड़ी हैं. हर छोटी सी बात पर सांप्रदायिकता के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं का एकाउंट बंद करने वाले टिव्हटर और फेसबुक की नज़र अब तक बाबा पर क्यों नहीं पड़ी…यह आश्चर्य और शोध का विषय भी है ?
बाबा ने धर्म संसद में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए देश के विभाजन के लिए गांधी जी को जिम्मेदार ठहराया और नाथूराम गोडसे के कृत्य को जायज ठहराया था. उनकी इस टिप्पणी के बाद देर रात बवाल मचा और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने सिविल लाइन थाने पहुंचकर बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई. पूर्व महापौर प्रमोद दुबे ने भी बाबा के वकतव्य को घोर अपमानजनक बताते हुए शिकायत दर्ज करवाई है. फिलहाल बाबा काली चरण के खिलाफ धारा 502 ( 2 ) और 294 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है.
गौरतलब है कि धर्म संसद का आयोजन नीलकंठ सेवा संस्थान की तरफ से किया गया था.इस आयोजन में भाजपा से जुड़े राजनेता तो आमंत्रित थे ही…कांग्रेस से जुड़े लोग भी बड़ी संख्या में मौजूद थे. आयोजन के मुख्य संरक्षक राज्य गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास भी विशेष रुप से उपस्थित थे. उन्होंने कालीचरण के बयान पर अपनी गंभीर असहमति जताई और खुद को धर्म संसद से अलग कर मंच छोड़ दिया. इधर बाबा की अपमानजनक टिप्पणी के बाद उन्हें गिरफ्तार करने की मांग भी उठने लगी हैं.