रायपुर। प्रदेश में बढ़ते कोरोना केस को देखते हुआ प्रशासन ने स्कूल बंद करने के आदेश दे दिए हैं। इसके चलते शिक्षा पर प्रभाव पड़ता दिख रहा है। इस बीच छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने प्रायोगिक परीक्षा को लेकर बदलाव किया है। कोविड काल से पहले प्रायोगिक परीक्षा में बाहर से परीक्षक आते थे , जिसे अब अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। अब प्राचार्य ही एक आंतरिक परीक्षक नियुक्त कर सुरक्षित परीक्षा कराने की जिम्मेदारी होगी।
बता दें कि प्रदेश में 10वीं और 12वीं बोर्ड की लिखित परीक्षाएं मार्च के पहले सप्ताह से शुरू हो रही हैं। इससे पहले इन कक्षाओं की प्रायोगिक परीक्षाएं और प्रोजेक्ट वर्क होने हैं। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इसके लिए 10 जनवरी से 31 जनवरी तक का समय तय किया है। इस बीच कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है। ऐसे में बच्चों को लेकर सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई है।
प्राचार्य नियुक्त करेगा आंतरिक परीक्षक
माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव वीके गोयल ने बताया, कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए प्रायोगिक परीक्षाओं में बाह्य परीक्षक की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। संबंधित संस्था के प्राचार्य का यह दायित्व होगा कि वह निर्धारित तिथि पर आंतरिक परीक्षक नियुक्त कर परीक्षा करा ले। एक दिन में उतने ही परीक्षार्थी को बुलाना है जिससे शारीरिक दूरी के नियम का पालन कराया जा सके। परीक्षा के दौरान स्कूल के शिक्षकों और कर्मचारियों को भी शारीरिक दूरी का पालन करना और मास्क लगाना अनिवार्य होगा।