बया – विकास अग्रवाल की खास रिपोर्ट
बया।उप वन मंडल कसडोल के देवपुर परीक्षेत्र के ग्राम पकरीद में सोमवार को हुए करंट से हाथी के मामले में प्रभारी रेंजर को हटा दिया गया ।आलोक न्यूज़ में लगातार प्रकाशन से हड़कंप में आए प्रशासन ने अतः आज प्रभारी रेंजर को हटा दिया वही सहायक परिक्षेत्र अधिकारी को भी हटाने की मांग ग्रामीणों ने की है।
देवपुर के प्रभारी रेंजर पंचराम यादव को रेंजर के पद से हटा कर देवपुर में ही उनके मूल पद पर विशेष कर्तव्य अधिकारी बनाया गया है।
वनमण्डलाधिकारी, बलौदाबाजार वनमण्डल के पत्र क्रमांक 2119 दिनांक 09.11.2022 द्वारा प्रेषित प्रतिवेदन के अनुसार दिनांक 07.11.2022 को देवपुर परिक्षेत्र बलौदाबाजार वनमण्डल के अंतर्गत पूर्व गिधपुरी बीट कक्ष क्रमांक 299 में 01 नर हाथी (उम्र लगभग 15 से 18 वर्ष) मृत अवस्था में पाया गया। मृत नर हाथी के शव परीक्षण के लिये 03 पशु चिकित्सकों का दल गठित किया गया था। शव के परीक्षण उपरांत पशु चिकित्सक दल द्वारा हाथी की मृत्यु विद्युत करेन्ट से होना बताया गया। पोस्टमार्टम पश्चात् शव को विधिवत् दफनाया गया। गांव के जिन व्यक्तियों के द्वारा विद्युत करेन्ट का फंदा लगाया गया था उस फंदे की जप्ती बनाई गई है एवं घटित घटना का पी.ओ. आर. क्रमांक 13229/23 दिनांक 07.11.2022 दर्ज किया गया है। प्रकरण पंजीबद्ध होने के बाद दो अभियुक्तों को भी पकड़ा गया है है।
वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार के पत्र क्रमांक 4479 दिनांक07.11.2022 के द्वारा पंचराम यादव, उप वनक्षेत्रपाल, प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी देवपुर परिक्षेत्र को उक्त घटना के लिये स्पष्टीकरण जारी कर जवाब चाहा गया है कि यदि पंचराम यादव के द्वारा वनक्षेत्रों का निरंतर निरीक्षण किया जाता तो फंदे की जानकारी होती हाथी मृत्यु की घटना की सूचना 72 घंटे बाद मिलना अत्यंत खेदजनक है एवं कर्तव्य में घोर लापरवाही को दर्शाता तथा श्री यादव का अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर नियंत्रण नहीं है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिनांक 07.11.2022 में हाथी की मृत्यु का समय पोस्टमार्टम से
84 घंटे पूर्व होना दर्शित है। इससे स्पष्ट होता है कि हाथी की मृत्यु की सूचना लगभग 03 दिवस बाद प्राप्त हुई है।
वनमण्डलाधिकारी,बलौदाबाजार के उपरोक्त प्रतिवेदन एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि हाथी मृत्यु की घटना की सूचना लगभग 03 दिवस बाद मिलना तथा क्षेत्र में विद्युत करेन्ट फंदे का पाया जाना पंचराम यादव, प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी के कर्तव्य में गंभीर चूक एवं घोर लापरवाही को दर्शाता है तथा यह भी स्पष्ट होता है कि प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी का अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर नियंत्रण नहीं है। श्री यादव का उक्त कृत्य छ.ग. सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 का उल्लंघन है। परिक्षेत्र अधिकारी एवं उसके अधीनस्थ कर्मचारियों का मुख्य दायित्व वनों एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा होती है। अतः उपरोक्त तथ्यों के आधार पर पूर्ण विचारोपरांत मैं निम्नानुसार आदेश पारित करता हूँ।
।। डिप्टी रेजर भी दोषी।।
देव पुर परी क्षेत्र के सहायक परीक्षेत्र अधिकारी नितिन नायक भी हाथी की मौत के मामले में बराबर दोषी हैं वे जब से पदस्थ हुए हैं तब से मुख्यालय में रहते ही नहीं है अपने निवास रायपुर में ही रहना पसंद करते हैं इनके खिलाफ भी पकरीद के ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है प करीद के ग्रामीणों ने चर्चा में बताया कि नितिन नायक ग्रामीणों से दुर्व्यवहार करते हैं अगर इन्हें शीघ्र ही नहीं हटाए गए तो आंदोलन की धमकी दी है। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों की ग्रामीणों ने पर्दाफाश की दी चेतावनी दी है।।।