रायपुर। छ ग राज्य संविदा विद्युत कर्मचारी संघ के अनिश्चित कालीन आंदोलन का आज 14 वां दिन था। आंदोलन के 14वें दिन संविदा कर्मियों ने मुख्यमंत्री निवास घेराव के लिए विशाल रैली निकाली। रैली को पुलिस प्रशासन ने सप्रे स्कूल के पास ही रोक लिया। इससे आक्रोशित विद्युत संविदा कर्मियों ने शासन के उदासीन रवैये के खिलाफ जोरदार नारे बाजी कर नाराजगी जाहिर की। विद्युत संविदा कर्मियों का कहना है कि 14दिन से अनिश्चित कालीन आंदोलन में बूढ़ातालाब के सामने बैठकर विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी बात शासन तक पहुचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन न शासन और न ही पॉवर कम्पनी प्रबंधन विद्युत संविदा कर्मियों की समस्या सुन रहे हैं और न ही उनकी सुध ली जा रही है। आज बुधवार हुए मुख्यमंत्री निवास घेराव में 2500 संविदा कर्मी एवं उनके परिजन शामिल हुए। विद्युत विभाग के संविदा कर्मियों ने मुख्यमंत्री से मिलने और अपनी मांग पूरा करने की बात रखने रैली निकाली थी।
संविदा विद्युत् कर्मियों का कहना था की- सरकार ठेका प्रथा बन्द करने कि बात करती है और पॉवर कम्पनी में ठेके में 2300 व्यक्तियों की भर्ती ठेकेदारों के माध्यम से करवा रही हैं, जबकि ऊर्जा मंत्री खुद मुख्यमंत्री हैं। और उन्हीं के विभाग में ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है। बिजली कम्पनी में संविदा कर्मियों की जान तो जा ही रही हैं, वहीँ अब ठेका कर्मियों की हत्या की साजिश भी कम्पनी प्रबंधन कर रहा है।
जनता के बीच भीख मांगने निकले संविदा विद्युत संघ के प्रतिनिधि
10 मार्च से संविदा कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल एवं सदस्य जनता के बीच पहुंच कर भीख मांग रहे हैं। इसके जरिये वे जनता तक संविदा कर्मियों की तकलीफ को पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। जनता भी विद्युत संविदा कर्मियों को नियमित कर सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रहे हैं।
संविदा विद्युत कर्मचारी संघ का दो सूत्री मांग
1. रिक्त पदों पर कम्पनी में कार्यरत विद्युत संविदा कर्मियों को नियमित नियुक्ति दिया जाए।
2. विद्युत दुर्घटनाओं में शहीद संविदा कर्मियों के परिवार को अनुकम्पा नियुक्ति दिया जाए।
पॉवर कम्पनी में लाइन परिचारक संविदा कर्मियों को 2 वर्ष में नियमित करने की परम्परा…
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कम्पनी में लाइन परिचारक संविदा कर्मियों को दो साल के संविदा/परिवीक्षा अवधि पूर्ण करने पर नियमित करने की परम्परा रही है। मगर कांग्रेस सरकार के आने के बाद इस परम्परा पर रोक लग गयी है। संविदा कर्मी 2 वर्ष में नियमित हो जाने की उम्मीद से अपनी जान जोखिम में डाल कर काम करने के लिए इस विभाग में आ जाते हैं। मगर आये दिन उनके साथ दुर्घटनाएं होती है, जिसमें सैकड़ों लोगों के अंग भंग हो गए हैं और 25 से अधिक संविदा कर्मियों का निधन हो गया है। इसलिए विद्युत संविदा कर्मी अपने नियमितीकरण और अनुकम्पा नियुक्ति का मांग कर रहे हैं। जिस कारण संविदा कर्मी शासन तक अपनी बातों को पहुँचाना चाहते हैं।