स्वर्गीय बसंत शर्मा को याद कर भावुक हुए मुख्यमंत्री: रूंधे गले से कहा – हमने एक सच्चे साथी को खो दिया

बिलासपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर में डीएलएस कॉलेज परिसर में शिक्षाविद एवं समाजसेवी स्वर्गीय बसंत शर्मा की प्रतिमा का अनावरण किया। स्वर्गीय शर्मा ने लगभग 25 बरस पूर्व निजी क्षेत्र में डीएलएस कॉलेज की स्थापना की थी। कॉलेज में निम्न आय समूह के लगभग 2 हजार विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। शर्मा का लगभग 55 बरस की उम्र में आज ही के दिन एक साल पूर्व असामयिक निधन हो गया था।

मुख्यमंत्री बघेल ने कॉलेज परिसर में स्वर्गीय बसंत शर्मा की आदमकद प्रतिमा का अनावरण कर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। सीएम श्रद्धांजलि सभा में स्वर्गीय बसंत शर्मा को याद करते हुए अत्यंत भावुक हो गए। उनके साथ बिताये पलों को स्मरण करते हुए उनकी आंखें नम हो गई। बघेल ने रूंधे गले से कहा – हमने एक सच्चे साथी को खो दिया। इस अवसर पर बिलासपुर जिले के प्रभारी मंत्री एवं राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, संसदीय सचिव रश्मि सिंह, विधायक शैलेष पांडेय, महापौर बिलासपुर रामशरण यादव, छत्तीसगढ़ राज्य पर्यटन बोर्ड के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव, छत्तीसगढ़ कृषक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, नगर निगम रायपुर के सभापति प्रमोद दुबे सहित सर्वश्री विजय केशरवानी एवं विजय पांडेय उपस्थित भी थे। कवि श्री मीर अली मीर ने कार्यक्रम का संचालन किया।

मुख्यमंत्री बघेल ने कार्यक्रम में कहा कि स्वर्गीय बसंत शर्मा सहज, सरल एवं प्रगतिशील व्यक्तित्व के धनी थे। वे अपने विचारों पर अडिग रहने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि यह बेहद भावुक क्षण है। कोरोना महामारी ने हम सभी को बहुत नुकसान पहंुचाया है। स्वर्गीय शर्मा को बिलासपुर के लोगों से बहुत लगाव था। राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि स्वर्गीय बसंत शर्मा ने समाज और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। बिलासपुर क्षेत्र के विकास में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

कार्यक्रम में संजय शर्मा ने स्वर्गीय बसंत शर्मा का जीवन परिचय दिया। उन्होंने बताया कि स्वर्गीय बसंत शर्मा का जन्म 4 मई 1965 को कटघोरा में हुआ। स्वर्गीय बसंत शर्मा जी द्वारा अपने पिता स्वर्गीय दशरथ लाल शर्मा जी के नाम पर वर्ष 1997 में डी.एल.एस. महाविद्यालय की स्थापना की। वे समाजिक, राजनैतिक एवं शिक्षा के क्षेत्र में सदैव सक्रिय रहे। ऐसे बहुमुखी प्रतिभा के धनी सक्रिय स्वर्गीय श्री शर्मा को कोविड-19 ने 25 अप्रैल 2021 को हमसे छीन लिया। मात्र 4 कमरों एवं 200 विद्यार्थियों से प्रारंभ की गई संस्था आज 5 एकड़ में फैला सर्वसुविधा युक्त स्नात्कोत्तर महाविद्यालय का रूप ले चुका है, जहां 2000 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं एवं लगभग 100 अध्यापक एवं कर्मचारी कार्यरत् है। वे 1994 से 1999 तक, 2004 से 2009 तक पार्षद रहे। 21 संस्थाओं के अध्यक्ष भी रहे।

कार्यक्रम में उनकी प्रतिमा बनाने वाले मूर्तिकार परवेज आलम को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मानित किया। इसके अलावा महाविद्यालय की दो छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किया। कार्यक्रम में संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग, आईजी रतनलाल डांगी, कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पारूल माथुर, अभय नारायण राय, महाविद्यालय के शासी निकाय के सदस्य निशा बंसत शर्मा, प्राचार्य डॉ. रंजना चतुर्वेदी, शासी निकाय के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पार्थ शर्मा सहित, महाविद्यालयीन परिवार के सदस्य उपस्थित थे।