नेशनल डेस्क । देश-दुनिया की चिंता बढ़ाने वाला कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन भारत में अपना पैर पसार चुका है। इसी बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2 दिसंबर को पुष्टि की है कि, कर्नाटक में दो ओमिक्रॉन केस पाए गए हैं। दुनिया को डराने वाले डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा म्यूटेशन वाले ओमिक्रॉन को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) पहले ही वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित कर चुका है। इससे पहले 24 नवंबर को साउथ अफ्रीका में पहला केस मिलने के बाद से एक हफ्ते के अंदर ही भारत, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस समेत दुनिया के क़रीब 29 देशों में ओमिक्रॉन के केस मिल चुके हैं।
हमारे लिए कितना घातक है ‘ओमिक्रॉन?’
ख़बरों की माने तो ओमिक्रॉन के केस उन लोगों में भी पाए गए हैं जो पूरी तरह वैक्सीनेटेड थे। ऐसे में यह लोगों के लिए किसी खतरे से कम नहीं है। भारत में अब तक कुल 1 अरब 25 करोड़ से अधिक कोरोना की डोज लगाई जा चुकी हैं। इनमें से 79 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना की सिंगल डोज लग चुकी हैं, जबकि 46 करोड़ से अधिक लोगों को ही कोरोना की दोनों डोज लगी हैं।
भारत की महज 32 फीसदी आबादी का ही फुली वैक्सीनेटेड होना हमारे लिए चिंता की बात है। भारत में करीब 12 करोड़ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने दूसरी डोज की तारीख निकल जाने के बावजूद भी टीका नहीं लगवाया है। ऐसे लोगों की लापरवाही भी ओमिक्रॉन जैसे कोरोना के नए वैरिएंट के फैलने पर खतरनाक साबित हो सकती है।