पीएम मोदी ने ‘इन्फिनिटी-फोरम’ का उद्घाटन करते हुए कहा- अब फिनटेक पहल को फिनटेक क्रांति में बदलने का समय आ गया

नेशनल डेस्क । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘इन्फिनिटी-फोरम’ का उद्घाटन किए। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, मुझे इस फोरम का उद्घाटन करते हुए बहुत खुशी हो रही है। बिना किसी भौतिक शाखा कार्यालय के पूरी तरह से डिजिटल बैंक आज एक वास्तविकता है। और एक दशक से भी कम समय यह आम बात हो सकती है।

 

पिछले साल भारत में मोबाइल भुगतान ने पहली बार एटीएम नकद निकासी को पार कर लिया। मुद्रा का इतिहास जबरदस्त विकास दिखाता है। जैसे-जैसे मनुष्य विकसित हुआ, वैसे-वैसे हमारे लेन-देन का तरीके में भी परिवर्तन आया। वस्तु विनिमय प्रणाली से धातुओं तक, सिक्कों से लेकर नोटों तक, चेक से लेकर कार्ड तक। आज हम बहुत आगे आकर यहां तक पहुंच गए हैं।

 

पीएम ने आगे कहा, अब फिनटेक पहल को फिनटेक क्रांति में बदलने का समय आ गया है। एक क्रांति जो देश के हर एक नागरिक को वित्तीय सशक्तिकरण प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि हम अपने अनुभवों और विशेषज्ञता को दुनिया के साथ साझा करने और उनसे सीखने में भी विश्वास करते हैं। हमारे डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर सॉल्यूशंस दुनिया भर के नागरिकों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

 

बता दें, देश में गिफ्ट-आईएफएससी पहला अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र है। जिसका मुख्यालय गिफ्ट-सिटी, गांधीनगर गुजरात में है। यह संस्था भारत में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के नियमन तथा विकास के लिये एक एकीकृत प्राधिकार के रूप में काम करती है। इसकी स्थापना अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण अधिनियम 2019 के तहत की गई थी।

 

 

बताया जा रहा है कि इस दो दिवसीय कार्यक्रम में गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी और ब्लूमबर्ग आयोजन में सहयोग कर रहे हैं। समावेशी वृद्धि और बड़े पैमाने पर मानवता की सेवा के लिए फिनटेक उद्योग द्वारा प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाया जा सकता है। पीएमओ ने कहा कि फोरम का एजेंडा बियॉन्ड के विषय पर केंद्रित होगा। और इस मंच में 70 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। मुख्य वक्ताओं में मलेशिया इंडोनेशिया दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन के साथ कई देशों के वित्त मंत्री शामिल होंगे। इस वर्ष के फोरम में नीति आयोग, इनवेस्ट इंडिया, फिक्की और नैसकॉम मुख्य साझीदारों में से हैं।

 

 

पीएमओ से मिली जानकारी के अनुसार, मंच के पहले संस्करण में इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन सहयोगी देश शामिल हैं। यह मंच दुनिया के अग्रणी लोगों को नीति, व्यापार और प्रौद्योगिकी में एक साथ लाने का  प्रयास करेगा। मंच में इस बात पर चर्चा होगी कि कैसे प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाया जाए।