रायपुर। राजधानी रायपुर में डेंगू के बाद अब मलेरिया ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए रायपुर नगर निगम ने लगातार फॉगिंग और एंटी लार्वा ट्रीटमेंट शुरू किया था, जिसकी वजह से डेंगू के मामलों को नियंत्रण में लाया गया। सितंबर अंत के बाद से डेंगू के मरीज कम होने लगे, तो सरकारी एजेंसियों ने काम धीमा कर दिया। इसकी वजह से एक बार फिर मच्छरों की संख्या बढ़ी, तो अब मलेरिया ने पैर पसारने शुरू कर दिए।
नवंबर में मलेरिया के 20 मरीज मिले हैं, जिनमें 15 दूसरे पखवाड़े के हैं। इसके अलावा, डेंगू के मामले भी खत्म नहीं हुए हैं और पिछले एक माह में सात नए मरीज मिले हैं। इसे देखते हुए एक बार फिर से निगम के अधिकारी फॉगिंग और एंटी लार्वा ट्रीटमेंट शुरू करने की बात कह रहे हैं। दरअसल, शहर में सफाई के लिए लगाए जाने वाले कर्मचारियों की संख्या ज्यादा दिखाकर कम कर्मचारियों को ठेकेदार काम पर लगाते हैं।
इसकी वजह से सफाई ठीक से नहीं हो रही है और गंदे पानी में मलेरिया फैलाने वाले एनाफिलीस मच्छर पनप रहे हैं। इसी की वजह से मलेरिया के मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। वहीं, डेंगू फैलाने के लिए जिम्मेदार एडिस मच्छर साफ पानी में पैदा होते हैं। लोगों की जागरूकता और निगम के अमले द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के चलते लोगों ने कूलरों में जमा पानी निकाल दिया। घर के आस-पास भरे पानी में मिट्टी का तेल डाला गया।
अब मलेरिया को काबू में करने के लिए बुधवार को निगम मुख्यालय में अधिकारियों को सभी वार्डों में मच्छर मारने के लिए फागिंग व एंटी लार्वा अभियान चलाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इनकी निगरानी जोन कमिश्नर करेंगे।