रायपुर। प्रदेश में पिछले कुछ माह से धर्म परिवर्तन जैसे कई धार्मिक मामले सामने आ रहे हैं। इन सब घटनाओं के बीच एक बड़ी धर्म संसद-2021 का कार्यक्रम राजधानी के ऐतिहासिक रावणभाठा मैदान में होने जा रहा है। क्रिसमस पर्व के मौके पर होने वाले धर्म संसद की अध्यक्षता, गोसेवा आयोग के अध्यक्ष एवं दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास करेंगे। उन्होंने पत्रकारवार्ता में कहा कि इस धर्म संसद में शंकराचार्य समेत देश के अनेक साधु-संतों को आमंत्रित किया गया है।
बता दें, यह कार्यक्रम ‘श्री नीलकंठ सेवा संस्था’ और ‘हिंदू संगठन’ के तत्वावधान में 25 और 26 दिसंबर को आयोजित होगा। वहीं संस्था के संस्थापक नीलकंठ त्रिपाठी ने बताया कि, हमारा मुख्य उद्देश्य धर्म परिवर्तन जैसे धार्मिक उन्माद को रोकने के साथ ही सनातन धर्मावलंबियों को एकजुट करना है। सनातन परंपरा के प्रति लोगों में जागरुकता लाने के लिए धर्म संसद का आयोजन किया जा रहा है।
किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं : महंत
क्रिसमस के मौके को देखकर 25 और 26 दिसंबर की तारीख धर्म संसद के लिए तय नहीं किया है। न ही इसके माध्यम से किसी धर्म के लोगों की भावनाओं को आहत या माहौल बनाने वाली जैसी कोई बात है। बल्कि हमारी हजारों साल पुरानी सनातन परंपरा में ऋषि और कृषि संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाना है। इस धर्म संसद में अनेक जगहों से आने वाले संत समाज चर्चा करा कर सुझाव देगें। इससे सनातन धर्म मजबूत होगा।