कोरबा-
राज्य पुलिस स्थापना बोर्ड/मुख्यालय से एक बहुत बड़ी चूक हुई है। इससे संबंधित शाखा के कर्मचारियों/अधिकारियों की लापरवाही भी कहा जा सकता है कि एक मृत आरक्षक का भी तबादला कर दिया गया है।
दरअसल 26 अप्रैल को पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा के द्वारा पुलिस स्थापना बोर्ड के निर्णय उपरांत 318 पुलिसकर्मियों की तबादला सूची जारी की गई है। निरीक्षक, उप निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक, प्रधान आरक्षक एवं आरक्षकों की तबादला सूची में कोरबा जिला पुलिस बल में पदस्थ रहे एवं तत्कालीन उरगा थाना में सेवा दे रहे आरक्षक तस्लीम आरिफ खान का भी नाम है। आरक्षक तस्लीम की सड़क हादसे में मौत के बाद भी उनका तबादला कर देना समझ से परे। आरक्षक तस्लीम आरिफ बैच क्रमांक 360 वर्ष 2021 में कोरबा जिले के उरगा थाने में पदस्थ थे।
7 अक्टूबर 2021 को एक सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई जबकि राज्य सरकार के पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी तबादला सूची में 288 नंबर पर तस्लीम का स्थानांतरण कोरबा से मुंगेली किया गया है। इस बारे में जब हमने जानकार पुलिस अधिकारियों से चर्चा की तो बताया कि अमूमन तबादला के लिए आवेदन दिया जाता है और यह आवेदन कई चरणों से गुजर कर स्वीकृति के लिए पहुंचते हैं। सम्भवतःतस्लीम ने भी तबादला के लिए आवेदन दिया रहा होगा जिसका निराकरण अब जाकर हुआ। यह तो रही व्यवस्था की बात लेकिन हादसे में मौत के 6 माह बाद तक क्या मृत्यु की जानकारी संबंधित विभाग को नहीं हुई जहां तस्लीम आरिफ का आवेदन पेंडिंग पड़ा था? क्या तबादला से प्रभावित होने वाले अधिकारी व कर्मचारियों के बारे में तत्कालीन तौर पर कोई जानकारी नहीं ली या दी जाती या फिर सब कुछ अपने ढर्रे पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी कामकाज चला रहे हैं। कारण जो भी हो लेकिन जिस तबादला आदेश में स्थापना बोर्ड की मुहर लगी हो और डीजीपी ने हस्ताक्षर किया हो, उसमें इस तरह की चूक होना अपने आपमें गंभीर बात है। इस चूक को लेकर महकमे में भी चर्चा काफी गर्म है।