रायपुर | केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए पारित किए गए तीन नए कृषि कानून के विरोध के लगभग एक वर्ष बाद गुरुपर्व के दिन पीएम मोदी ने इस अधिनियम को वापस लेने की घोषणा की है। इन तीनों कानूनों के खिलाफ राज्य सरकार ने विधानसभा में मंडी संशोधन एक्ट लाया था। विधानसभा से पारित किए गए इस अधिनियम में कुल सात संशोधन किए गए हैं। लेकिन, यह संशोधन एक्ट अभी भी राज्यपाल अनुसुईया उईके के पास विचाराधीन है। अब राज्य सरकार राज्यपाल से मिलकर इस संशोधन एक्ट पर हस्ताक्षर करने का आग्रह करने की तैयारी में है।
बता दें कि केन्द्र सरकार के नए कृषि कानून का पंजाब-हरियाणा किसानों के साथ कई अन्य राज्यों के किसानों ने जबदस्त विरोध किया था। इसका प्रभाव राज्य के कुछ हिस्सों में भी देखने को मिला था। राज्य सरकार भी इस कानून को छत्तीसगढ़ में लागू होने देने के पक्ष में नहीं है। क्योंकि प्रदेश में होने वाली बंपर धान खरीदी प्रभावित हो सकती है। इससे कहीं ज्यादा किसानों को भी नुकसान उठाना पड़ता। वहीं इस कानून में देशभर में निजी मंडी खोलने, कांट्रेक्ट फार्मिंग तथा जरूरी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाया जाना शामिल है।
विशेषज्ञों का कहना है कि केन्द्र के इस कानून के लागू होने के बाद राज्य सरकार का इसमें कोई भी हस्तक्षेप नहीं रह जाता। यही वजह है कि राज्य सरकार ने अपने मंडी संशोधन एक्ट में बड़ा बदलाव किया है। क्योंकि राज्य सरकार सीधे केन्द्र सरकार के किसी भी कानून को रोक नहीं सकती, इसलिए उन्होंने संवैधानिक संकट से बचने के लिए मध्य का रास्ता निकालते हुए अधिनियम के मुताबिक कार्रवाई की सभी शक्तियां प्रशासन को दे दी गई हैं। ऐसे में यदि केन्द्र सरकार यदि निजी मंडियां खोलती भी हैं तो वे सभी राज्य सरकार के दायरे में होगी। यानी गड़बड़ी करने वाले अफसरों के खिलाफ वाद दायर किया जा सकता है। वहीं अनियमित भंडारण के जांच का अधिकार, दूसरे राज्यों से धान की आवाजाही रोकने तथा जब्ती का अधिकार के साथ ही तीन से छह महीने की सजा तथा पांच से 10,000 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान भी रखा गया है।
वहीं कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि, “हमने मंडी संशोधन एक्ट लाया है। यह अभी राज्यपाल के पास विचाराधीन है। इस एक्ट में निजी मंडी पर नकेल कसने जैसे कई प्रावधान है। केन्द्रीय कानून वापस हो गया है। अब राज्यपाल इस पर हस्ताक्षर करें तो भी यह हमारे लिए फायदेमंद होगा। राज्यपाल से इस पर हस्ताक्षर करने का आग्रह करेंगे।“