आंबेडकर अस्पताल में किट की कमी से ब्लड, यूरिन, हिमोग्लोबिन, आयरन समेत कई जांचें हुईं बंद, हर दिन 1800 मरीज प्रभावित

रायपुर । राजधानी के डा. भीमराव आंबेडकर अस्पताल में ब्लड, यूरिन, हिमोग्लोबिन, आयरन, विटामिन, एचबीए-1सी, हेमेटाइटिस समेत कई तरह की जांचें महीनों से बंद है। इसके चलते हर दिन 1800 से अधिक मरीज प्रभावित हो रहे हैं। जांच ना हो पाने की वजह से कई मरीज बिना इलाज के ही चले जा रहे तो अधिकांश मरीजों को मजबूरी में बाहर से महंगे दामों पर जांच करानी पड़ रही है। अस्पताल में इलाज के लिए आए बेमेतरा के विष्णु साहू, रमा कुमारी ने बताया कि मेडिसिन विभाग में जांच के लिए आए हुए थे। डाक्टर ने ब्लड, यूरिन व विटामिन की जांच के लिए लिखा। अस्पताल के विभाग में जांच के लिए पहुंच तो यहां पर यह जांच नहीं होने की बात कही गई है। इतने पैसे नहीं है कि बाहर से जांच करा सकें। रापयपुर के दिनेश विश्वकर्मा ने कहा कि उन्हें हार्मोंस से जुड़े जांच कराने थे, लेकिन अभी जांच बंद होने की बात कही गई है।

 

हर दिन 1800 से अधिक के जांचे

चिकित्सकों ने बताया कि अस्पताल में हर दिन ओपीडी के करीब 1000 और आइपीडी के करीब 800 मरीजों की हर रोज इसी तरह की जाचें हाेतीं हैं। लेकिन वर्तमान में जिस तरह से स्थिति है, जांच के लिए मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इधर बायोकैमिस्ट्री के चिकित्सकों का कहना है कि किट की समस्या की जानकारी प्रबंधन को दी गई है। लेकिन यह समस्या आए दिन होती है। मामले में आंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक ने इस संबंध में कार्यालय को किसी तरह की जानकारी नहीं देने की बात कहते हुए समस्या की जानकारी लेने की बात कही है।

 

दवाओं की जरूरत को पूरा करे सरकार

शासकीय अस्पतालों में दवाओं की किल्लत व जांच की समस्या को लेकर विधानसभा में नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में दवा का संकट है। स्वास्थ्य मंत्री अपने ही विभाग के संचालन में असफल है। शासकीय योजना के बाद भी गरीब मरीजों को बाहर से जांच व महंगी दवाएं खरीदना पड़ रहा है। इन सबके बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उत्तरप्रदेश पसंद है, तो स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव दिल्ली की परिक्रमा। दवाओं से ज्यादा दारू को तवज्जो देने वाली राज्य सरकार को स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान देने की जरूरत है।

वर्जन
जो जांचे बंद है उसकी जानकारी अधीक्षक कार्यालय को नहीं दी गई है। विभागाध्यक्षों को समस्या को अवगत कराना चाहिए। मैं समस्या को दूर करता हूं। सभी जांचे जल्द ही शुरू की जाएंगी।
-डा. एसबीएस नेताम, अधीक्षक, डाक्टर भीमराव आंबेडकर अस्पताल