रायपुर। प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए राज्य सरकार सतत कार्य कर रही है। कमजोर वर्ग या आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोग पढ़ाई से वंचित न रहे इसके लिए छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूलों में यूनिफॉर्म की नई व्यवस्था लागू की जा रही है। सरकार अब हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी कक्षाओं के आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को भी यूनिफॉर्म उपलब्ध कराएगी। इसके लिये प्रति विद्यार्थी 10 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। जानकारी अनुसार यह व्यवस्था अगले शिक्षा सत्र से लागू होगी।
बता दें, स्कूल शिक्षा विभाग पहली कक्षा से लेकर 8वीं तक के विद्यार्थियों को नि:शुल्क यूनिफॉर्म का वितरण करता है। हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी के विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म सिलाना या लेना पड़ता है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्कूली विद्यार्थियों के यूनिफॉर्म खरीदी का काम छत्तीसगढ़ हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित के माध्यम से करने को कहा था। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षण सत्र 2022-23 के लिए यूनिफॉर्म के कपड़ों की खरीदी के लिए छत्तीसगढ़ हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ मर्यादित को सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इसका आदेश भी जारी कर दिया है। इसके मुताबिक प्राथमिक-माध्यमिक विद्यार्थियों को निशुल्क और हाई स्कूल-हायर सेकेंडरी स्कूलों में अध्ययनरत आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के विद्यार्थियों मात्र 10 रुपए में गणवेश वितरित किया जाएगा।
250 बुनकर समितियां हैं
जानकारी के अनुसार, हाथकरघा विकास एवं विपणन सहकारी संघ के मुताबिक प्रदेश में 292 बुनकर समितियां काम कर रही हैं। इनमें से 250 बुनकर समितियां हाथकरघा संघ में सरकारी मांग के मुताबिक 59 प्रकार के कपड़े तैयार करती हैं। वहीं 651 महिला स्व-सहायता समूह यूनिफॉर्म की सिलाई के काम में लगे हुए हैं। विभागीय जानकारों का कहना है, यूनिफॉर्म वितरण का दायरा बढ़ने से इन समितियों की संख्या भी बढ़ानी होगी।