रायपुर। ईसाई समाज के संस्थापक प्रभु यीशु के जन्मदिन के अवसर पर शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सिविल लाइन स्थित सेंट पॉल्स केथैड्रल गिरजा घर जाएंगे। वहां प्रभु यीशु के जन्मोत्सव में शामिल होकर प्रदेश की प्रगति और उन्नति के लिए प्रार्थना करेंगे।
प्रदेश में प्रभु यीशु के जन्मोत्सव का उत्साह हर तरफ देखने को मिल रहा है। सभी ने अपने घरों के साथ साथ गिरजा घरों को भी बहुत खूबसूरती से सजाया है। क्रिसमस का त्यौहार भारत में अब अन्य धर्मों के लोग भी मनाने लगे हैं। इसमें अपने दोस्तों और ज़रूरतमंदों को गिफ्ट भी दिए जाते हैं। पुरानी कथाओं के मुताबिक 25 दिसंबर यानी क्रिसमस डे के दिन ईसाई धर्म की स्थापना करने वाले प्रभु यीशु का जन्म मरियम के यहां हुआ था। इसी खुशी के उपलक्ष्य में पूरी दुनिया में क्रिसमस डे मनाया जाता है।
क्रिसमस का त्यौहार सिर्फ 25 दिसंबर के दिन ही नहीं मनाया जाता है। बल्कि यह त्यौहार पूरे 12 दिन यानि 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक मनाया जाता है। जिसमें हर दिन का अपना महत्व होता है। तो आइये जानते है इन सभी दिनों के महत्व को..
25 दिसबंर (पहला दिन )
पहला दिन क्रिसमस डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को प्रभु यीशु के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन से यह त्यौहार शुरु होता है।
26 दिसंबर (दूसरा दिन)
यह दिन सेंट स्टीफन डे के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को बॉक्सिंग डे के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि सेंट स्टीफन ने सबसे पहले ईसाई धर्म के लिए कुर्बानी दी थी।
27 दिसंबर (तीसरा दिन)
तीसरा दिन सेंट जॉन को समर्पित होता है। सेंट जॉन ईसा मसीह से प्रेरित और उनके मित्र माने जाते हैं।
28 दिसंबर (चौथा दिन)
कहा जाता है कि चौथे दिन किंग हीरोद ने ईसा मसीह को ढूंढते समय कई मासूम लोगों का कत्ल कर दिया था। इस दिन उन्हीं मासूम लोगों की याद में प्रार्थना का आयोजन किया जाता है।
29 दिसंबर (पांचवां दिन)
क्रिसमस पर्व का पांचवां दिन सेंट थॉमस को समर्पित होता है। 12वीं सदी में चर्च पर राजा के अधिकार को चुनौती देने पर आज ही के दिन उनका कत्ल कर दिया गया था।
30 दिसंबर (छठा दिन)
छठवें दिन ईसाई धर्म के लोग सेंट ईगविन ऑफ वर्सेस्टर को याद करते हैं।
31 दिसंबर (सातवां दिन)
सातवें दिन के बारे में कहा जाता है कि इस दिन को पोप सिलवेस्टर ने सेलिब्रेट किया था। कई यूरोपियन देशों में नए साल से पहले की शाम को सिलवेस्टर कहा जाता है। इस दिन खेल-कूद आयोजित किए जाते हैं।
1 जनवरी (आठवां दिन)
क्रिसमस का आंठवां दिन प्रभु यीशु की मां मदर मैरी को समर्पित होता है।
2 जनवरी (नौवां दिन)
नौवां दिन, चौथी सदी के सबसे पहले ईसाई ‘सेंट बसिल द ग्रेट’ और ‘सेंट ग्रेगरी नाजियाजेन’ की याद में उन्हें समर्पित किया जाता है।
3 जनवरी (दसवां दिन)
ऐसी मान्यता है कि इस दिन प्रभु यीशु का नाम रखा गया था। इस दिन चर्च को सजाया जाता है और गीत गाए जाते हैं।
4 जनवरी (ग्यारहवां दिन)
ग्यारहवां दिन 18वीं और 19वीं सदी की संत सेंट एलिजाबेथ को समर्पित किया जाता है। इस दिन उन्हें याद किया जाता है। वे अमेरिका की पहली संत थीं।
5 जनवरी (बारहवां दिन)
बारहवां यानि आखिरी दिन अमेरिका के पहले बिशप सेंट जॉन न्यूमन को समर्पित है। इस दिन को एपीफेनी भी कहा जाता है।