इसे कहते है हर हाथ शक्ति-हर हाथ तरक्की: केंद्र सरकार ने नहीं भेजा बारदाना तो किसानों ने जुटाए 2.55 करोड़ नग बारदाने, राज्य सरकार ने किया 6361 करोड़ 28 लाख का भुगतान

 

 

रायपुर। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के पहले दिन से ही किसानों को अपने बारदाने में उपार्जन केन्द्रों में धान लाकर विक्रय करने की छूट ने राज्य में धान खरीदी की प्रक्रिया को निर्वाध रूप से जारी रखने में बड़ी मदद की है।

 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बारदाने की कीमत को 18 रूपए से बढ़ाकर 25 रूपए प्रति नग किए जाने के निर्णय ने भी किसानों को उत्साहित किया है। किसानों द्वारा धान उपार्जन के लिए अब तक 2 करोड़ 55 लाख नग बारदाने धान खरीदी के लिए केन्द्रों को उपलब्ध कराए गए हैं, जिसका 25 रूपए प्रति नग के मान से कुल राशि 6 हजार 361 करोड़ 28 लाख रूपए है।

छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ द्वारा उपार्जित धान के साथ-साथ किसानों को बारदाने की राशि के भुगतान के लिए यह राशि जारी की जा चुकी है। समितियों को, किसानों को बारदाने की राशि का भुगतान धान के भुगतान के साथ-साथ करने के निर्देश दिए गए हैं।

 

छत्तीसगढ़ राज्य में छत्तीसगढ़ के किसानों से समर्थन मूल्य पर एक दिसम्बर से धान की खरीदी की जा रही है। राज्य में धान खरीदी के लिए 5.25 लाख गठान जूट बारदाने की आवश्यकता है, परंतु भारत सरकार एवं जूट कमिश्नर से राज्य की आवश्यक एवं मांग के अनुसार बारदाने की आपूर्ति न होने के कारण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किसानों से अपने बारदाने में धान लाकर बेचने की अनुमति दी और बारदाने का मूल्य 18 रूपए से बढ़ाकर 25 प्रति नग कर दिया। इसका सार्थक परिणाम यह है कि राज्य में किसानों द्वारा अब तक अपेक्षा के अनुरूप धान खरीदी के लिए बारदाने उपलब्ध कराए गए हैं।

 

इस वर्ष 2021-22 में किसानों को धान विकय में सुगमता एवं सुविधा के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक सहकारी में समितियों की संख्या में वृद्धि किये जाने के साथ-साथ उपार्जन केंद्रों की संख्या में वृद्धि किया गया है। जिससे छोटे एवं मंझोले किसानों को धान विक्रय करने में सुविधा हुई है। यहीं वजह है कि इस साल अब तक धान खरीदी की  मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है।