रायपुर: तीन महीनो से फरार निलंबित आईपीएस जीपी सिंह को आज ही ईओडब्ल्यू की टीम गुड़गांव से लेकर रायपुर पहुंची है.रायपुर पुलिस ने जीपी सिंह को कोर्ट में पेश कर दिया है। कोर्ट में पेश करने से पहले एंटी करप्शन ब्यूरो(एसीबी) के दफ्तर में डेढ़ घंटे तक उनसे पूछताछ की गई। एसीबी उन्हें कोर्ट में पेश कर 7 दिनों की रिमांड मांगी है। वहीं कोर्ट जाते वक्त जीपी सिंह ने कहा कि मुझे फंसाया गया है, दे आर फैब्रीकेटेड केसेस। एफआईआर में आप देखोगे तो उसमें जो प्रॉपार्टी है हमारी प्रापॅर्टी है ही नहीं, न हमारा लेना देना है।
जीपी सिंह ने कही ये बड़ी बात
हमारी प्रोपर्टी नहीं है, न उससे हमारा कोई लेना देना है, मेरे खिलाफ आरोप फेब्रिकेटेड (बनावटी) है, आप FIR देखेंगे तो आपको समझ आ जाएगा, कि उसमें प्रॉपर्टी मेरे पिताजी की है, हमारी प्रोपर्टी नही है, न उससे हमारा लेना देना है.
जीपी सिंह पर लगे ये बड़े आरोप
1 जुलाई की सुबह 6 बजे ACB-EOW की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में एक साथ छापा मारा। जीपी सिंह पर FIR दर्ज की गई। दूसरे दिन शुक्रवार को दिन भर की जांच के बाद 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ। 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके बढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी गई। रायपुर में एक युवक से मारपीट, भिलाई में सरेंडर करने वाले नक्सल कमांडर से रुपयों का लेन-देन, रायपुर में एक केस में आरोपी की मदद का इल्जाम भी जीपी सिंह पर लगा है। इन पुराने केस की फिर से जांच की जा रही है। इन तमाम मामलों के बीच 5 जुलाई को राज्य सरकार ने ADG जीपी सिंह को एक आदेश पत्र में यह लिखते हुए निलंबित कर दिया कि एक अफसर से ऐसी अपेक्षा नहीं थी।