प्रदेश का बजट एक लाख करोड़ से भी ज्यादा, इन-इन विषयों पर होगी सबकी निगाह

रायपुर|  छत्तीसगढ़ में बजट सत्र फरवरी के बजाए मार्च तक प्रस्तुत होगा। कोरोना के बढ़ते संक्रमण और यूपी चुनाव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अहम भूमिका की वजह से सत्र को आगे बढ़ाने के बारे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्पीकर डॉ. चरण दास महंत व संसदीय कार्य मंत्री रवींद्र चौबे में पहले ही सहमति बन गई थी। बजट सत्र सामान्यतया 21 से 25 दिन चलता है। नए बजट को लेकर प्रशासनिक व वित्त विभाग की तैयारी लगभग अंतिम दौर में है। स्पीकर डॉ. महंत ने इसकी पुष्टि की है। प्रमुख सचिव सीएस गंगराडे ने कहा कि बजट सत्र की तारीखें बाद में घोषित की जाएंगी।

 

मंत्रियों से रायशुमारी के बाद नए बजट में जिन मुद्दों को लेकर सहमति दी गई है, उन्हें वित्त विभाग के अधिकारी नए बजट में शामिल कर रहे हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि बजट सत्र चार-पांच मार्च से हो सकता है। हालांकि इसकी अधिसूचना विधानसभा सचिवालय ही जारी करेगा। इस बीच एक फरवरी से संसद में पेश होने वाले केंद्रीय बजट पर भी सरकार की नजर रहेगी। केंद्रीय बजट में राज्य की हिस्सेदारी पर फोकस होगा। उसे भी नए बजट में एडजस्ट किया जाएगा। कैबिनेट की सहमति के बाद इसे प्रकाशन के लिए सरकारी प्रेस भेजा जाएगा।

 

सरकार ने पहले ही विभागों से कह दिया था कि बजट के प्रस्तावों में पांच फीसदी से अधिक वृद्धि नहीं करेंगे। इस बार की बढ़ोतरी तीन प्रतिशत अधिक होगी। प्रदेश का नया बजट इस बार एक लाख दो करोड़ रुपए तक का हो सकता है। राज्य का पहला बजट 5705 करोड़ रुपए का था। पिछले साल यह बढ़कर 97 हजार 106 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। इन दो दशकों में बजट का ग्राफ चढ़ता-उतरता रहा है। खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ के साथ गठित झारखंड और उत्तराखंड का बजट अब भी कम है। झारखंड का बजट पिछले साल जहां 91 हजार करोड़ था, वहीं उत्तराखंड का बजट 57 हजार करोड़ था।