बलौदाबाजार
टीआई पलारी ने आदिवासी महिला को पीटा
– जहाँ छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों की हित की बात करती है उनकी सुरक्षा की बाते करते थकते नही है वही, एक आदिवासी महिला के साथ पलारी थाना प्रभारी ने थाने में ही जमकर मारपीट कर दिया, इतना ही नही महिला के 2 मासूम बच्चो को भी थाने में बेदम पिटाई कर उनसे थाने का शौचालय तक साफ कराया।आदिवासी परिवार का बस कसूर इतना था कि थाने दार साहब के द्वारा मांगी गई रिश्वत नही मिली ।।जीससे साहब इतना नाराज हुए की महिला समेत बच्चो को बड़े ही बेदर्दी से मारपीट की।पूरा मामला बलोदा बाजार जिले के पलारी थाने का है
पूरा मामला पलारी थाने का है जहाँ सावरा डेरा में रहने वाली एक महिला ने अपने नाबालिग बेटी की गुम होने की सूचना थाने में दर्ज कराई थी,कुछ दिन पहले सावरा डेरा में रहने वाली नाबालिग बच्ची अपनी माँ से किसी बात पर नाराज होकर बिना बताए अपनी बड़ी मम्मी के घर दूसरे गांव चली गयी थी ,जिसकी सूचना पीड़ित आदिवासी परिवार ने थाने में दर्ज कराई थी ,बावजूद पलारी पुलिस ने किसी प्रकार की कोई भी खोजबीन नही की ,इधर नाबालिग बच्ची का गुस्सा शांत होते ही वह अपने घर वापस लौट आयी।नाबालिग बच्ची के शकुशल घर वापस आ जाने से परिजन बेहद खुश थे ।वही नाबालिग की वापस घर आने की सूचना पीड़ित परिवार ने थाने में देदी।इधर थानाप्रभारी साहब में नाबालिग और उसकी माँ को थाने में सुबह करीब 9 बजे बुला लिया और पूछताछ के नाम पर लगातार प्रताड़ित करता रहा।नाबालिग का मेडिकल टेस्ट कराने के नाम पर थानाप्रभारी लगातार दबाव बनाते रहा ,अंततः थाना प्रभारी ने केश खत्म करने के लिए 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की ,इधर पीड़ित परिवार ने पैसे न होने का हवाला देते रहे पैसे नही देने पर माँ समेत नाबालिग बच्ची को भी थाने में करीब 8 बजे तक बिना खाना खिलाये बैठाए रखे,पीड़ित आदिसवासी महिला शुगर और बीपी की मरीज भी है वो लाख थाना प्रभारी से मिन्नते करते रही कि उसको कुछ खाने दिया जाए ,लेकिन थाना प्रभारी का पत्थर दिल जरा सा भी नही पसीजा, इधर महिला लोगो से मदद मांगती रही ,करीब शाम को 7 बजे पलारी की ही वरिष्ठ वकील चंचला चौबे को इस बात की भनक लगी टैब जाकर थाने पहुची और थानाप्रभारी को उनको तत्काल छोड़ने का आग्रह किया,रात करीब 8 बजे माँ और बेटी को थाने से छोड़ तो दिया गया लेकिन थाना प्रभारी गुस्से से बौखला उठे।ठीक उसके दूसरे दिन प्रभारी सी आर चंद्रा ने सुबह सुबह पीड़ित महिला के सुवर चरा रहे 2 मासूम बच्चो को मोहल्ले से उठाकर थाने ले आया जहाँ बिना कुछ कहे उनकी जमकर लात घुसो से पिटाई कर दी इतना ही नही मासूम बच्चो में एक मानसिक रूप से विकलांग भी है ,जिनसे थाने का सौचालय तक को साफ कराया गया,बच्चो को थाने ले जाने की बात सुनते पीड़ित माँ दौड़ाते हुए थाने पहुँची और बच्चो की दुर्दशा देख प्रभारी से उनके बच्चो का कसूर पूछने लगी,फिर क्या था थाना प्रभारी सी आर चंद्रा ने अपना आपा खो दिया और महिला की थाने के अंदर ही जमकर लात घुसो से बेल्ट से बेरहमी से पिटाई कर दी,म समेत पूरे परिवार को प्रभारी ने सुबह से रात तक भूखे बैठा कर बेदम पिटाई करता रहा ।इधर जब घटना की जानकारी मोहल्लेवासियों को हुई तब देर रात सभी महिलाएं थाने पहुँचे जिसके घंटो तक हाई वोल्टेज विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ ।इधर मामला बिगड़ता देख प्रभारी ने सभी को रिहा कर दिया लेकिन जब बाहर आकर पीड़ितों ने अपनी आप बीति बताई जिसके बाद थाने परिषर में ही मोहल्ले भर के लोगो ने थाना प्रभारी सी आर चंद्रा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में बैठकर जमकर हंगामा मचाया।हंगामे में साहब फिर से अपना आपा खो बैठे और फिर महिलाओं को भगाने महिलाओं से ही धक्का मुक्की करने लगे,रिश्वत की पैसे नही मिलने से प्रभारी साहब कानून ही भूल गए ,देर रात तक जब हंगामा शांत नही हुई तब जाकर बलौदाबाजार डीएसपी मौके पर पहुँच कर मामला शांत कराया और कार्यवाही का आश्वाशन दिया ,
जिसके बाद आज भी पलारी के आदिवासी मोहल्ले के वासी आज एसपी से मिलने बलौदाबाजार पहुँचे जब उन्होंने पलारी थाना प्रभारी सी आर चंद्रा पर कड़ी कार्यवाही करते हुए उन्हें तत्काल पलारी थाने से हटाने की मांग की है ,पीड़ितों ने 3 दिन के भीतर कार्यवाही नही किये जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
लेकिन इस घटना ने पुलिस के कार्यशैली पर एक बड़ा दाग लगा दिया है।जहाँ आदिवासीयो पर जुर्म रोकने कई बड़े कानून बनाये जाते है वही इस तरह की घटना वो भी एक महिला और मासूम बच्चो के साथ होना पुलिस और सरकार पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ी करती है।फिलहाल जिले के एडिशनल एसपी ने मामले की गंभीरता से जांच कराने की बात तो कही है ,अब देखना होगा कि इस मामले में कब तक कार्यवाही होती है ,या फिर यह मामला ठंडे बस्ते में चला जायेगा ……बड़ा सवाल है
बलौदाबाजार से आलोक मिश्रा की खास रिपोर्ट