CM Bhupesh ने दी राजापुर को उप तहसील का दर्जा, हर घर नल जल योजना और आत्मानंद स्कूल की सौगात….

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजापुर में कटहल, पीपल और काजू पेड़ो की छाव में साल और पलाश के पत्तों से बने पंडाल में आमजनों से रूबरू हुए। उन्होंने वहां उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें गौ माता की खूब सेवा करनी है। गाय बहुत उपयोगी है, वह दूध भी देती है और गोबर भी। स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा रहा है। गोबर से बिजली उत्पादन का कार्य भी किया जा रहा है। गोबर से पेंट भी बनाया जाएगा। अब गौमूत्र खरीदने के लिए भी योजना तैयार की जा रही है।

मुख्यमंत्री की घोषणाएं :
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आमजनों से भेंट-मुलाकात करने आज सरगुजा जिले के सीतापुर विधानसभा के ग्राम राजापुर पहुंचे। उन्होंने यहां राजापुर को उप तहसील बनाने, राजापुर में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल, मांड नदी पर हर्रापार में पुल, शुद्ध पेयजल के लिए नल जल योजना, राजापुर में ग्रामीण सहकारी बैंक, राजापुर हाईस्कूल में बाउंड्रीवॉल निर्माण, समनिया से सिकनिया तक तथा कदनई से समनिया-मैनपाट तक सड़क निर्माण और मैनपाट में स्टेडियम निर्माण की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने राजापुर में 75 लाख रूपए की लागत से बने नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का शिलान्यास भी किया। जिसका निर्माण छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन द्वारा किया जा रहा है।

तक सड़क निर्माण

आड़े वक्त में काम आयी गोबर की राशि :
राजापुर के किसान दिनेश कुमार प्रजापति ने मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना की तारीफ करते हुए बताया कि कोरोना संकट के समय जब आर्थिक संभावनाएं न के बराबर रह गयी तब उन्होंने गोबर बेचकर परिवार की मूलभूत जरूरतों की पूर्ति की। इस इस दौरान जब स्कूल बंद हो गए तो बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा के लिए उन्होंने गोबर बेचकर मोबाइल खरीदा। मुख्यमंत्री जी के पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि उनके पास 14 मवेशी है जिनसे अब तक उन्होंने 45 से 50 हजार रूपए का गोबर बेचकर आर्थिक लाभ उठाया। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी दीपा वेटनरी पॉलीटेक्निक कॉलेज सूरजपुर में अध्ययनरत है जिसके पढ़ाई का पूरा खर्च भी वे गोबर बेचकर वहन कर रहे है। मुख्यमंत्री ने श्री प्रजापति को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।

और मैनपाट में

जनसेवा ही मेरा मुख्य उद्देश्य रहारू मुख्यमंत्री :
भेंट मुलाकात के दौरान कक्षा 12वीं की छात्रा सीमा गुप्ता के पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि मुख्यमंत्री बनना मेरा उद्देश्य नहीं था। हमेशा से जनसेवा ही मेरा उद्देश्य रहा जिसके चलते मैं सार्वजनिक जीवन में आया। सेवा सबसे बड़ा धर्म है। लोगों की सेवा के लिए हम सब को तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि उनके पास पैतृक खेती किसानी पर्याप्त है। पिताजी नहीं चाहते थे कि, वे शासकीय नौकरी करे। हालांकि उन्होंने दोनों बहनों को अच्छा पढ़ाया। वे दोनों इंजीनियर है। मेरी रुचि बचपन से खेती किसानी में थी। गांव में रहते पहले पंच बना, पार्टी का जिला अध्यक्ष बना, फिर विधायक और अब मैं मुख्यमंत्री हूँ।

 

 होगा स्टेडियम

मुख्यमंत्री ने कोइलार भाजी और आम की चटनी का लिया स्वाद :
राजापुर में भेंट-मुलाकात के बाद गांव के किसान राजनाथ एक्का के घर भोजन के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री बघेल का उनके परिजनों ने पारम्परिक गीत गाकर और स्थानीय फूल-पत्तियों से बना गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया। यहां मुख्यमंत्री बघेल के साथ नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, खाद्य एवं कृषि मंत्री अमरजीत भगत ने जमीन पर बैठकर भोजन किया। उन्हें थाली में रोटी, चावल, दाल, कोइलार भाजी और आम की चटनी परोसा गया। मुख्यमंत्री ने राजनाथ एक्का को शून्य प्रतिशत ब्याज पर 70 हजार रूपए केसीसी ऋण प्रदान किया साथ ही उनके परिजनों को भेंट स्वरूप उपहार भी दिया। उन्होंने वहां उपस्थित 8 लोगों को आयुष्मान कार्ड प्रदान किया।