रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बुधवार को विधानसभा में श्रम कल्याण निधि से प्राप्त राशि व उनके उपयोग का मामला उठाते हुए श्रम मंत्री से प्रश्न किया कि भवन एवं संनिर्माण कर्मकार मंडल के पास श्रमिक कल्याण निधि में वर्ष 2019-20, 20-21 व 21-22 में कुल कितनी राशि जमा है? जमा राशि में कितने-कितने राशि किन-किन कार्यो के लिए किन-किन जिलों में खर्च किए गए हैं? जिलावार बताए। कोविड काल के दौरान प्रदेश के पंजीकृत श्रमिकों को क्या इस निधि से कोई सहायता दी गई है। यदि हां तो कितनी कितनी राशि कितने श्रमिकों को किन-किन कार्यों के लिए दी गई है जिलावार जानकारी दें। नहीं तो क्यों?
श्रम कल्याण मंत्री ने अपने उत्तर में बताया कि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के पास श्रमिक कल्याण निधि में वर्ष 2019-20, 20-21 एवं 21-22 सितंबर तक 49,936 करोड़ की राशि जमा है। श्रमिक कल्याण निधि में वर्तमान में कुल 534.67 करोड़ रुपए इस मद में शेष है। कोरोनाकाल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए सहायता हेतु कलेक्टरों को चार करोड़ 11 लाख रुपए की राशि व अन्य राज्य में फंसे श्रमिकों को लाने हेतु 4 करोड़ 91 लाख 91 हजार की राशि व्यय किया गया है।
बृजमोहन अग्रवाल ने अपने बयान में कहा की 534 करोड़ से अधिक राशि उपलब्ध होने के बाद भी सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए कुछ नहीं कर पा रही है। पिछले सरकार द्वारा प्रारंभ की गई श्रमिकों की सारी योजनाएं 3 साल से बंद पड़ी हुई है। श्रमिकों के बच्चे छात्रवृत्ति के लिए तरस रहे हैं। श्रमिकों के बच्चियों को शादी के लिए सहायता नहीं मिल पा रही है। अन्य सभी योजनाओं का भी यही हाल है। सरकार श्रमिक कल्याण के पैसों से उनके कल्याण पर खर्च करने के बजाए ब्याज कमाने में लगी हुई है।
यही है कांग्रेस सरकार का श्रमिक विरोधी चेहरा।