‘कॉन्क्लेव ऑन नेचुरल फार्मिंग’ सम्मलेन में, पीएम मोदी ने किसानों को किया संबोधित…

PM Modi UP Visit: PM Modi Will Visit Balrampur In UP Today, Will Inaugurate  Saryu Canal National Project | PM Modi UP Visit: आज यूपी के बलरामपुर जाएंगे  पीएम मोदी, सरयू नहर

 

नेशनल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को गुजरात के आणंद में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा- ये कॉन्क्लेव गुजरात में ज़रूर हो रहा है परन्तु इसका दायरा, इसका प्रभाव पूरे भारत के लिए है। भारत के हर किसान के लिए है।

 

बीते 6-7 साल में बीज से लेकर बाज़ार तक, किसान की आय को बढ़ाने के लिए एक के बाद एक अनेक कदम उठाए गए हैं। मिट्टी की जांच से लेकर सैकड़ों नए बीज तक, पीएम किसान सम्मान निधि से लेकर लागत का डेढ़ गुणा एमएसपी तक, सिंचाई के सशक्त नेटवर्क से लेकर किसान रेल तक, अनेक कदम उठाए हैं। खेती के अलग अलग आयाम हों, फूड प्रोसेसिंग हो, प्राकृतिक खेती हो ये विषय 21वीं सदी में भारतीय कृषि का कायाकल्प करने में बहुत मदद करेंगे। इस कॉन्क्लेव के दौरान यहां हज़ारों करोड़ रुपये के समझौते पर भी चर्चा हुई है। केमिकल और फर्टिलाइज़र ने हरित क्रांति में अहम रोल निभाया लेकिन हमें इसके विकल्पों पर भी साथ ही साथ काम करते रहना होगा।

 

हमें अपनी खेती को कैमिस्ट्री की लैब से निकालकर प्रकृति की प्रयोगशाला से जोड़ना ही होगा। प्रकृति की प्रयोगशाला तो पूरी तरह से विज्ञान आधारित ही है। कृषि से जुड़े हमारे इस प्राचीन ज्ञान को हमें न सिर्फ फिर से सीखने की ज़रूरत है, बल्कि उसे आधुनिक समय के हिसाब से तराशने की भी ज़रूरत है। इस दिशा में हमें नए सिरे से शोध करने होंगे, प्राचीन ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक फ्रेम में ढालना होगा। प्राकृतिक खेती से जिन्हें सबसे अधिक फायदा होगा, वो हैं देश के 80% किसान। वो छोटे किसान, जिनके पास 2 हेक्टेयर से कम भूमि है। इनमें से अधिकांश किसानों का काफी खर्च, केमिकल फर्टिलाइजर पर होता है। अगर वो प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ेंगे तो उनकी स्थिति और बेहतर होगी। मैं आज देश के हर राज्य से, हर राज्य सरकार से, ये आग्रह करुंगा कि वो प्राकृतिक खेती को जनआंदोलन बनाने के लिए आगे आएं। इस अमृत महोत्सव में हर पंचायत का कम से कम एक गांव ज़रूर प्राकृतिक खेती से जुड़े, ये प्रयास हम कर सकते हैं।